अररिया : गर्ल्स ट्रैफिकिंग के एक मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट पंचम के न्यायाधीश ने बुधवार को एक महिला को 10 साल कैद व 25 हजार जुर्माना की सजा सुनाया है। अररिया के फास्ट ट्रैक कोर्ट पंचम के न्यायाधीश सत्य प्रकार ने बुधवार को गांव की भोली-भाली लड़कियों को काम दिलाने का झांसा देकर गायब कर देने तथा देह-व्यापार के धंधे में जबरदस्ती ढ़केलने के एक मामले में पलासी थाना क्षेत्र के कनखुदिया इनारा चौक निवासी सीता देवी को 10 वर्षो की सजा समेत पचीस हजार जुर्माना भरने का आदेश दिया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का भी आदेश दिया है।
सत्रवाद संख्या 299/09 के इस मामले में घटना तिथि 05 मई 07 बताई गई है। इस मामले में किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ थानाक्षेत्र स्थित फुलवारी गांव निवासी हरि सोरेन ने पलासी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर बताया था कि सीता देवी घटना तिथि को 17 वर्षीय मुन्नी कुमारी, 16 वर्षीय मालती कुमारी तथा 15 वर्षीया छंजी कुमारी को लुधियाना के धागा फैक्ट्री में काम दिलाने के बहाने ले गए तथा लुधियाना स्थित ताजपुर मोहल्ला के एक कमरे में बंद कर पहले मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दिया तब देह व्यापार के लिए मजबूर किया।
मामले के विचारण के पश्चात कोर्ट ने सीता देवी को सोमवार को भादवि की विभिन्न धारा के तहत दोषी पाते हुए जेल भेज दिया। बुधवार को सजा की बिंदु पर सुनावाई हुई, जिसमें कोर्ट ने सीता देवी को भादवि की धारा 366 के तहत पांच वर्षो की सजा समेत पांच हजार रु. अर्थदंड, धारा 371 में तीन वर्ष की सजा समेत 10 हजार अर्थदंड तथा धारा 372 में 10 वर्षो की सजा समेत दस हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया तथा जुर्माना रकम नहीं अदा करने पर छह माह का अतिरिक्त सजा काटने का भी फैसला सुनाया। साथ ही सभी सजा एक साथ चलने का भी निर्णय दिया। इस मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक सबीर आलम, डीफेन्स पैनल से अधिवक्ता अशोक कुमार तथा महिला सेवा संस्थान की ओर से रिता घोष अधिवक्ता ने कोर्ट में अपना-अपना पक्ष रखा।
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