Saturday, June 4, 2011

फारबिसगंज: घटना ने खड़ा किए कई सवाल


अररिया/फारबिसगंज : फारबिसगंज स्थित स्टार्च फैक्ट्री परिसर में शुक्रवार को हुई घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बियाडा द्वारा औद्योगिक परिसर के विकास में आ रहे मामले को अगर संवेदनशील ढंग से सुलझाया जाता तो घटना से बचा जा सकता था।
विदित हो कि फारबिसगंज शहर से सटे पश्चिम भजनपुर गांव में बिहार राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकार द्वारा औरो सुंदरम नामक एक संस्था को स्टार्च व ग्लूकोज बनाने की इकाई बैठाने के लिए 35 एकड़ जमीन दी गई थी। फैक्ट्री निर्माण शुरू होते ही आसपास के ग्रामीणों को इस बात की आशंका हुई कि अगर फैक्ट्री बनी तो उनके आने- जाने का मार्ग समाप्त हो जाएगा। इधर, फैक्ट्री संचालकों व बियाडा के अधिकारियों ने भी मुद्दे को सर्वमान्य ढंग से सुलझाने के बजाय उसे कथित रूप से इग्नोर किया।
वहीं, इस मुद्दे को ले पूर्व में भी झड़प हो चुकी थी। लेकिन इसके बावजूद इसे सुलझाने का प्रयास पूरी तन्मयता के साथ नहीं हुआ। ऐसा नहीं कि मामले को सुलझाने के प्रयास नहीं हुए। बात हुई लेकिन आधे अधूरे ढंग से।
ठीक दो दिन पहले बुधवार को सड़क की मांग को लेकर भजनपुर के ग्रामीणों ने जाम कर हंगामा किया था। इसके बाद सड़क मामले को सुलझाने के लिए औरो सुंदरम इंटरनेशनल प्रालि के निर्माण परिसर में बियाडा के कार्यकारी निदेशक भोगेंद्र लाल, कंपनी के निदेशक अशोक चौधरी, सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने बैठक कर मामले पर चर्चा की तथा ग्रामीणों को समझाया बुझाया। इसके बाद ग्रामीण शांत हो गए। ग्रामीणों को एक वैकल्पिक मार्ग देने का आश्वासन भी दिया गया। फिर वे कौन से कारण थे जिसने शुक्रवार की घटनाओं को अंजाम दिया।
इधर, कुछ लोगों का यह मानना है कि इस घटना के पीछे पंचायत की अंदरुनी राजनीति ने भी अपनी भूमिका निभाई है। ग्रामीणों में मामले को लेकर दो गुट बन गए थे और शायद इसी के परिणाम स्वरूप घटना हुई।

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