रानीगंज (अररिया) : अच्छे कार्यो के लिए समर्पण की आवश्यकता है, त्याग के बिना कार्य में सुधार संभव नहीं। यह बात अररिया के जिलधिकारी एम सरवणन ने गुरुवार को रानीगंज प्रखंड के पचीरा पंचायत में आयोजित सोशल ऑडिट व जन अदालत कार्यक्रम में कही। मौके पर दोष सिद्ध लोगों द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई गई।
आंगनबाड़ी केन्द्र एवं मनरेगा कार्यक्रमों के सामाजिक अंकेक्षण के दौरान सच्चाई से रूबरू होने के बाद जिलाधिकारी ने दर्जनों पदाधिकारी एवं पंचायतवासियों के बीच कहा कि कुपोषित बच्चों के मुख से आहार छीनना घोर अन्याय है।
रानीगंज में आयोजित किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में योजनाओं के सामाजिक अंकेक्षण के बाद यह पहला मौका था जब दोषी पाए गए सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविका को सामाजिक दंड दिया गया। पोषाहार के रूप में गबन की गई एक लाख 78 हजार 240 रुपये की राशि को एक माह के अंदर सरकारी कोष में जमा करने का आदेश इस जन अदालत में सुनाया गया।
जनता का पैसा जनता का हिसाब
सेविका द्वारा सही ढंग से पोषाहार नहीं बांटने की शिकायत लाभार्थियों ने मौके पर की। इस पर सेविकाएं निरुत्तर दिखी। इसके बाद डीएम के निर्देश पर सेविका सरोज देवी, बीबी रफअत जहां, अनिता देवी, कंचन कौशकी, गुंजन कुमारी, नीलम कुमारी, सुलेखा देवी, अनुराधा देवी व सरला कुमारी द्वारा आम जनता से माफी मांगी गई। मौके पर डीएम ने सीडीपीओ गायत्री श्रीवास्तव को कड़ी फटकार लगाई। डीएम ने सामाजिक सर्वेक्षण में कार्य कर रही जनजागरण शक्ति संगठन, पब्लिक हेल्थ रिसोर्स एवं कोशिक के सदस्यों को धन्यवाद दिया। इस मौके पर एसडीओ डा. विनोद कुमार, डीआरडीए निदेशक जफर रकीब, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी चन्द्र प्रकाश, बीडीओ चन्द्रमा राम, थानाध्यक्ष अरुण सिंह, सीडीपीओ गायत्री श्रीवास्तव सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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