अररिया : शुक्रवार को समाहरणालय स्थित आत्मन कक्ष में जिला स्तरीय मानव व्यापार विरोधी समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता जिला पदाधिकारी एम. सरवणन ने की। बैठक में पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक भी उपस्थित थीं।
बैठक में सर्वप्रथम दीपालय मानसिक स्वास्थ्य एवं विकलांग पुनर्वास संस्थान के रमणजी ने बताया कि जब मां-बाप किसी रिश्तेदार व्यक्ति के दवाब या स्वार्थ में आकर अपने बच्चों या महिलाओं को अपने गांव से बाहर भेजते हैं तो इसी को मानव व्यापार कहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आम लोग अपने बच्चे, बच्ची को इस नर्क में इसलिए ढकेलते हैं क्योंकि वे गरीब होते है, शिक्षा का अभाव होता है, सरकारी कार्यक्रम के प्रति उदासीनता तथा व्यवसायों के अवसर की कमी भी एक मुख्य कारण है। बैठक में डीएम श्री सरवणन ने कहा कि तमाम अधिकारी, स्वयं सेवी संस्था तथा आम लोग अगर सकारात्मक सोच रखे तो मानव व्यापार को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मानव व्यापार को रोकने के लिए प्रखंड व पंचायत स्तर पर छापामारी दस्ता गठित करने की जरूरत है। इसके लिए अग्रेतर कार्रवाई का निर्देश डीपीओ चन्द्रप्रकाश को दिया गया। डीएम ने एडीपीआरओ योगेन्द्र कुमार लाल को निर्देश दिया कि पंचायत जनप्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण समारोह में मानव व्यापार रोकने के लिए भी एक मुद्दा शामिल करें मानव व्यापार के मामलों में पुलिस द्वारा गलत व विलंब से प्राथमिकी दर्ज करने तथा अनुसंधान में आरोपी को छूट देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने एसपी व डीएसपी को सुधार के निर्देश दिये। फारबिसगंज खबासपुर व रानीगंज के डाकबंगला चौक पर संचालित रेड लाइट एरिया में एड्स डीपीएम को भीसीटीसी जांच करने, अपने आप एनजीओ को जागरुकता चलाने का निर्देश दिया। वहीं मौके पर एसपी श्रीमती मलिक ने कहा कि पुलिस इस जुर्म को रोकने के लिए हमेशा तत्पर है, बस सबों का सहयोग मिलता रहे। बैठक में सहायक निदेशक गोपाल प्रसाद, डीएसपी बदरे आलम, डीईओ दिलीप कुमार, डीडब्लूओ एसके मिश्र, डीआरडीए निदेशक जफर रकीब, डीपीएम रेहान अशरफ, अखिलेश कुमार, अवर निरीक्षक महाश्वेता सिन्हा, अपने आप वुमेन वर्ल्ड वाईड के राज्य समन्वयक मनीष झा, सौम्या प्रतीक, रत्नमाला देवी आदि मौजूद थी।
0 comments:
Post a Comment