अररिया : होनहार वीरवान के होत चिकने पात। इस कहावत को अररिया के नन्हे उस्ताद सौरभ आनंद ने शतरंज की दुनिया में चरितार्थ कर दिखाया है। श्रीलंका के हिक्का दुआ में संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय एशियन यूथ रैपिड चेस चैम्पियनशिप 12 में भाग लेकर तीन गोल्ड मेडल हासिल कर पूरे भारत में बिहार के अररिया की सोंधी माटी की महक फैला दी है।
घर लौटने पर इस अंतर्राष्ट्रीय चैंपियन को हर कोई गले लगा रहा है। रेणु की माटी के इस सपूत ने श्रीलंका के हिक्कादुआ में 25 जून 12 से एक जुलाई 12 तक संपन्न हुए तीन खेल में भाग लिया। जो चाया ट्रांज होटल हिक्कादुआ में खेला गया। इस खेल में विश्व के आस्ट्रिया, मलेशिया, मालद्वीप, यूएई, फिलीपीन्स, बंगलादेश, इरान, इराक, चीन, वियतनाम, श्रीलंका, कजाकिस्तान व भारत समेत 19 देशों के कुल 29 चेस खिलाड़ियों ने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। जिसमें भारत की ओर से खेल रहे नन्हे उस्ताद सौरभ आनंद (बिहार), तामिलनाडु के चेन्नई निवासी एलएनराम अरविंद तथा आंधप्रदेश के राहुल श्रीवास्तव ने भाग लिया। अंदर टेन के इस चेस चैंपियनशिप में सौरभ ने चैंपियन बन पहला स्थान प्राप्त कर तीन-तीन गोल्ड मेडल समेत प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया। इस खेल के आयोजन समिति के चेयरमेन, चेस फेडरेशन आफ श्रीलंका के हानी सेक्रेटरी तथा कामन वेल्थ चेस एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी समेत जोन- 3, 2 एक आईडीई के प्रेसिडेंट रहे लक्ष्मण बिजे सूरिया तथा चीफ अखीटोर के डिप्टी प्रेसिडेंट आफ एसीएन फडरेशन के कास्टो अबुण्डो के द्वारा हस्ताक्षरित प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
इस चेस टूर्नामेंट का आयोजन श्रीलंका के चेस फेडरेशन द्वारा संपन्न हुआ।
भारत के महान शतरंज खिलाड़ी ग्रेण्ड मास्टर विश्वनाथन आनंद को आदर्श मान सौरभ लगातार शतरंज की बुलंदियों पर चढ़ता जा रहा है। इससे पूर्व भी इसने पार्श्वनाथ कामनवेल्थ चेस चैंपियनशिप 2010 अंदर आठ में मेडल हासिल किया था। जहां कामनवेल्थ के सदस्य देशों के 311 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। जो नई दिल्ली में 18 मई 10 को संपन्न हुआ। इस खेल में भी विश्व के पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, बंगलादेश आदि के खिलाड़ी शामिल थे। इससे पूर्व सौरभ ने नेपाल के काठमांडू में खेले गए टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। श्रीलंका में तिलकरत्ने, जी एच गुलवर्दना तथा डेनुवान जी एच को द्वितीय तथा ईरान देश के डेरा काशमी बोना, तोफानी कोरक तथा गोसामी उर्मी महाडी को तीसरे स्थान पर रहे। सौरभ अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता समेत दैनिक जागरण को देते कहते हैं कि दैनिक जागरण अखबार को अपना मान चुके सौरभ आनंद समेत इनके बड़े भाई कुमार गौरव तथा पांच वर्षीय नन्हीं बहन गरिमा गौरव को पूर्व से इस अखबार से अपनत्व रहा है। सौरभ के पिता देवनंदन दिवाकर तथा माता कादंबरी देवी तथा हर दम साथ रहे चाचा रविन्द्र कुमार इस नन्हें उस्ताद के उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे हैं। कहते है तंगहाली के बावजूद वे अपने लाडले को यथा संभव उत्साहित तो करते हैं लेकिन सरकार व प्रशासन समेत समाजिक संगठन इस ओर उदासीन है।
घर वापस होने के पूर्व सौरभ सर्व प्रथम अररिया स्थित महा काली मंदिर जाकर पूजा अर्चना किये तथा पुजारी नानू दा ने उन्हें चुनरी भेंट कर सफलता का आर्शीवचन दिया। घर लौटने पर लोगों के साथ एसपी शिवदीप लांडे ने नन्हें उस्ताद को बधाई दी।