अररिया : जिला स्तरीय परामर्शदात्री व समीक्षा समिति की तिमाही बैठक सोमवार को समाहरणालय स्थित आत्मन कक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी एम. सरवणन ने किया। बैठक में डीएम के सुझाव पर आमलोगों की परेशानी को कम करने के लिए बिना नो डयूज कराए ही शपथ पत्र के आधार पर एक लाख तक ऋण मुहैया कराने का निर्णय लिया गया। इस मुद्दे पर इलाहाबाद बैंक के प्रतिनिधि ने असमर्थता जताई। डीएम श्री सरवणन ने केसीसी की समीक्षा के क्रम में पाया कि एसबीआई, बैंक आफ बड़ौदा, यूको बैंक, यूनाईटेड बैंक, बैंक आफ इंडिया व यूनियन बैंक की स्थिति काफी खराब है। डीएम ने पलासी सेंट्रल बैंक में व्याप्त भ्रष्टाचार व बिचौलियों के हावी होने की चर्चा करते हुए कहा कि वहां रामपुकार चौधरी, शोएब आलम समेत कई दलाल काफी सक्रिय हैं। उन्होंने सीबीआई के आरएम को जांच के निर्देश दिए। श्री सरवणन ने सभी बैंक समन्वयकों को निर्देश दिया कि प्रत्येक माह में एक दिन अपने अधीनस्थ शाखा बार ग्राम सभा का आयोजन कर लोगों की समस्या आन द स्पाट निबटाए। डीएम ने सभी बैंक शाखाओं में मैनुअल पंजी संघारित करने का निर्देश दिया। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले दो वित्तीय वर्षो में स्वीकृत केसीसी ऋण लाभुकों का पूर्ण विवरण सभी मैनेजर 7 जून तक उपलब्ध करा दें। वरना उनके विरुद्ध राज्य के डिप्टी सीएम को रिपोर्ट की जाएगी। उन्होंने ग्राम सभा के लिए ब्रांचवार रोस्टर तैयार करने का निर्देश एलडीएम को दिया। उन्होंने बैंक अधिकारियों को ग्राहकों के साथ अच्छा व्यवहार करने की भी नसीहत दी। बैठक में प्रभारी डीडीसी जफर रकीब, एलडीएम दीपक कुमार सिन्हा, डीडीएम नाबार्ड एसके झा, सीबीआई आरएम एनके प्रसाद, एलबीओ मो. अशफाक, एडीपीआरओ योगेन्द्र लाल, आरपेटी निदेशक अशोक कु. यादव, एसबीआई समन्वयक वाल्टर लोरेन्स समेत कई बैंक अधिकारी मौजूद थे।
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तीन बैंक अधिकारियों से डीएम ने पूछा स्पष्टीकरण
अररिया : सोमवार को आयोजित डीएलसीसी व डीएलआरसी की तिमाही बैठक में अनुपस्थित रहने के मामले में डीएम ने तीन बैंक मैनेजर से स्पष्टीकरण पूछा है। यूको बैंक के मैनेजर लगातार तीन बैठक से अनुपस्थित रहे हैं, जबकि सोमवार को बैंक आफ बड़ौदा व बैंक आफ इंडिया के प्रबंधक भी अनुपस्थित थे। डीएम ने यह भी कहा है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर तीनों मैनेजर के विरुद्ध वित्त विभाग पटना व दिल्ली को रिपोर्ट करेंगे।
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