Sunday, May 29, 2011

नदी तैर मुख्यालय पहुंचते है लोग


अररिया : शहर के एक वार्ड का संपर्क गत एक माह से जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। लेकिन न तो नप प्रशासन और न ही जिला प्रशासन को अब तक उक्त वार्ड के निवासियों की सुधि लेने की फुरसत मिली है। वार्ड नं.29 स्थित मरिया टोला को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला परमान नदी चचरी पुल गत एक माह पूर्व आई आंधी में उड़ गया है। तब से उक्त वार्ड वासी नदी में तैर कर ही जिला मुख्यालय आते-जाते हैं। इस क्रम में दुर्घटना की आशका बनी रहती है बावजूद लोगों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अनिल कुमार कहते हैं मरिया टोले तक जाने के लिए नाव की व्यवस्था हो या फिर विकास के अन्य कार्य, वार्ड पार्षद की ओर से प्रस्ताव आयेगा तो उस पर निश्चय ही कार्य करवाया जायेगा।
जिला मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर बसा है अररिया शहर के वार्ड नंबर 29 अंतर्गत मरिया टोला। आश्चर्यजनक है कि इ-गवर्नेस और सुशासन का दावा करने वाली इस सरकार में भी उक्त मुहल्ला तक जाने के लिए लोगों को नदी तैर कर जाना पड़ता है। शहर के इस भाग तक पहुंचने के लिए आज तक इस नदी पर पुल नहीं बनाया जा सका है,जबकि शहर के बगल से होकर इस नदी घाट पर दर्जनों लोगों की मौत डूबने से हो चुकी है। हालांकि लोगों ने जिला मुख्यालय आने-जाने के लिए चंदा कर उस नदी पर एक चचरी पुल बनाया था, किंतु वह भी विगत आंधी में उड़ गया। उसके बाद से लोग तैर कर बाजार आते जाते हैं।
किसी जिला मुख्यालय व नगर परिषद के अंदर शायद यह वार्ड पूरे प्रदेश में एक मात्र ऐसा टोला है जहां जाने के लिए नदी तैर कर पार करना पड़ता है।
चाहे दैनंदिन का रोजगार हो या फिर हाट बाजार, मरिया टोले के स्त्री पुरुषों के लिए नदी पार करने का कोई अन्य साधन नहीं है। एक टूटी नाव थी, वह भी पानी में डूब गई है। नदी की मेन धारा में कोई नाव नहीं।
इस बार मरिया टोले के लोगों का चचरी का सहारा भी छिन गया।
दशकों पहले नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत बसंतपुर मौजा का यह टोला मुख्य शहर का अंग था। लेकिन नदी की धारा में हुए बदलाव के कारण यह टोला शहर के पूर्वी फ्रिंज एरिया में चला गया।
इस वार्ड की पार्षद हबीबा खातून कहती हैं कि मरिया टोले तक जाने के लिए मांग के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक पुल की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।

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