Sunday, June 12, 2011

कैसे होगी कृत्यांनद की चिकित्सा


-इलाज की राशि के लिए दर दर भटक रहा कृत्यानंद
नरपतगंज (अररिया) : मेरे मरने के बाद मेरी पत्‍‌नी और चार मासूम बच्चों को कौन देखेगा? मैं कई जगह सरकारी सहायता के लिए गया लेकिन सर्वत्र तिरस्कार ही मिला। मैं भूमिहीन हूं किसी और की जमीन पर झोपड़ी बनाकर बीबी बच्चों के साथ रहता हूं। दिन में खाना खा लिया तो चिंता सताती है कि शाम को खाना मिलेगा या नही। ऐसे में अपना इलाज कहां से कराऊं?
आंखों में जीने की लालसा लेकर मुझे अब सिर्फ जागरण से उम्मीद रह गयी है। आप फोटो सहित हमारा समाचार छाप दीजिए। मेरे लिए कोई फरिश्ता जरूर आयेगा। वह मेरा इलाज करा देगा। यह गुहार है ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित नरपतगंज प्रखंड अंतर्गत रामघाट कोशकापुर पंचायत के वार्ड नं. 6 के 40 वर्षीय कृत्यानंद सिंह की। पीड़ित कृत्यानंद ने बताया चार माह पूर्व उन्होंने पूर्णिया सदर अस्पताल में इलाज कराया जहां उन्हें 17-18 इंजेक्शन लगाया गया। लेकिन सर पर बना ट्यूमर फैलता ही चला गया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद वे पटना गये, जहां इलाज के लिए लाख रुपये की मांग हुई। लेकिन मुझे तो खाने का उपाय नहीं, इलाज के लिए लाख रुपये कहां से देता। लिहाजा वापस आ गया हूं। अब चाहे तो कोई फरिश्ता ही आकर मेरी जिंदगी बचा सकता है।

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