Wednesday, June 15, 2011

फूड फॉर वर्क व मनरेगा में आवंटित खाद्यान्न आपूर्ति की जांच प्रारंभ


अररिया : बिहार सरकार के ग्रामीण विकास के प्रधान सचिव के निर्देशानुसार वर्ष 2001 से 2006-07 के बीच चली फूड फॉर वर्क एवं संपूर्ण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत आवंटित खाद्य सामग्री की जांच जिले में शुरू कर दी गई। जिसको लेकर जिन डीलरों द्वारा योजना की खाद्य सामग्री उठाव व वितरण की गई थी उनमें हड़कंप मच गई है। अररिया प्रखंड कार्यालय में प्रखंड विकास पदािधकारी नागेश्वर पासवान के निर्देश पर बुधवार से डीलरों द्वारा किये गये उठाव एवं वितरण की जांच कराई जा रही है। इस जांच से प्रथम दिन ही ऐसा प्रतीत होता है कि एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। फाइले उठाव पंजी एवं वितरण पंजी को खंगाला जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जिले के लगभग 40 डीलरों के द्वारा उठाव एवं वितरण किया गया। लेकिन दिलचस्प बात तो यह है कि उठाव का हिसाब तो स्पष्ट रूप से मिल रहा है लेकिन वितरण एवं अभिश्रव को लेकर डीलर की गला फसी नजर आ रही है। बहरहाल अभी जांच चल रहा है लेकिन प्रथम दृष्टा से ऐसा लगता है कि जिले का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो सकता है। अररिया प्रखंड के बीडीओ श्री पासवान ने कहा कि दोषी डीलरों के खिलाफ सरकार को रिपोर्ट की जायेगी। तदउपरांत विभागीय निर्देशानुसार दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। इधर डीलर संघ ने कहा कि पांच से दस साल पुराना मामला है। उस समय योजना के लिए अनाज का उठाव तो डीलर द्वारा होता था लेकिन वितरण डीडीसी के निर्देशानुसार उनके कनीय अभियंता द्वारा किया जता था तथा मास्टर राल भी वही भरते थे। डीलरों को कोई स्पष्ट मार्गदर्शन भी नहीं दिया गया था।

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