अररिया : बैरगाछी ओपी क्षेत्र के रामपुर घाट में हुई नौका दुर्घटना से आस पास के एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग सतब्ध है। घटना के दूसरे दिन तक परमान नदी किनारे जहां पीड़ित परिजनों का चीख-चित्कार माहौल गमगीन है वहीं आस-पास के गांवों में मायुसी छायी हुई है। सबों के जुबान पर रूक ही चर्चा, आखिर कब तक वे लोग परमान की कातिल धाराओं में पीसते रहेंगे? कब तक वे लोग अपनी कुर्बानी देते रहेंगे? घटना स्थल पर कई ग्रामीणों ने बताया कि वर्षो से वे लोग परमान नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे है, लेकिन उनलोगों का कोई नही सुनता। चुनाव आते है तो सभी जनप्रतिनिधि पुल निर्माण करवाने की घोषणा करते है लेकिन चुनाव खत्म होते हीं सब के सब घोषनाएं बेकार। ग्रामीण बताते है कि इस घाट से दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग नदी पार करते हैं। लेकिन यहां एक अदद सरकारी नाव तक उपलब्ध नही हो पाती है। बाढ़ का मौसम समाप्त होते ही किसी तरह चचरी पुल का निर्माण किया जाता है। वो भी तीन-चार माह तक ही रहते है। इसके बाद फिर वही निजी नाव का सहारा लेना पड़ता है। आज यदि इस जगह पुल होता तो इतनी बड़ी हादसा कभी भी नही घटती और न हीं कई लोगों को बेसहारा होना पड़ता।
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