Thursday, June 16, 2011

नौका दुर्घटना:कौन बनेगा मसोमात वीणा के बुढ़ापे का सहारा?


-बेटे को बचाने में गयी चांदनी व पति की जान
अररिया : अब मसोमात वीणा के बुढ़ापे की लाठी कौन बनेगा? बड़े अरमान से अपने इकलौते बेटे गणेश को पाला था। परमान की कातिल धारा ने गणेश के साथ पुतोहू चांदन व पोते राजा को भी निगल लिया।
रामपुर मोहनपुर गाव की मसोमात वीणा की आंखे रोते रोते सूख चुकी हैं। पति जीवछ लाल की मौत के बाद वीणा की सारी उम्मीद गणेश पर टिकी थी। लेकिन वह भी छोड़ कर चला गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंगलवार को रामपुर घाट पर जब नाव डूबने लगी तो चांदनी के हाथ से दस महीने का बेटा राजा नीचे गिर गया। उसे बचाने के लिए 25 साल की चांदनी परमान की लहरों में कूद पड़ी, लेकिन खतरनाक लहरों ने उसे निगल लिया। उसे डूबता देख गणेश रजक भी नीचे कूदा, लेकिन नदी की तेज धारा ने उसे भी नहीं छोड़ा। मंगलवार की शाम पहले नौनिहाल राजा का शव मिला। जबकि बुधवार को देर तक चली तलाश में चांदनी का मृत शरीर बरामद कर लिया गया। लेकिन गणेश का अब तक कोई पता नहीं है। मसोमात वीणा को उम्मीद है कि गणेश जरूर लौट कर आयेगा।

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