अररिया : परमान नदी में पानी बढ़ने से तिरसुलिया घाट पर बना चचरी पुल शनिवार की सुबह टूटकर बह गया। चचरी पुल के टूटने से तीन प्रखंडों का शार्ट कट रूट बाधित हो गया है। वहीं कोशकीपुर बसंतपुर पंचायत समेत अररिया के 15 पंचायतों के लोगों को अररिया आने में पहाड़ जैसी परेशानी खड़ी हो गयी है, क्यों कि इन पंचायतवासियों के आने जाने का मुख्य साधन तिरसुलिया घाट का चचरी पुल ही है।
घाट पर जरूरत की तुलना में नाव भी कम ही है। प्रशासन के फाइल में घाट पर चार नाव है। लेकिन लोगों को नदी पार कराने के लिए एक ही नाव कार्यरत है। वह भी छोटी व जर्जर है।
बरसात की दस्तक के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने घाट का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान घाट वसूली में लगे कर्मी ने दो जर्जर एवं एक नाव पानी में डूबने की सूचना दी थी। इसके बाद भी प्रशासन नही चेत पायी।
इधर, चचरी पुल टूटने के पहले दिन दर्जनों मजदूर काम पर जाने से वंचित रह गये। क्योंकि घाट में महज एक नाव के कार्यरत रहने से नदी पार करने में घंटों इंतजार करना पड़ रहा था। घाट टोला के राज मिस्त्री मो. रउफ ने बताया कि प्रत्येक वर्ष तीन माह तक उनलोगों की जिंदगी विस्थापितों की तरह हो जाती है। इसके बावजूद तिरसुलिया घाट पुल का निर्माण नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि नाव की कमी के कारण कई मजदूर काम पर नही जा सके। सिकटी, कुर्साकांटा एवं पलासी के दर्जनों लोग अररिया आ रहे थे। लेकिन पुल बह जाने के कारण उन्हें लौटना पड़ा।
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