Wednesday, July 4, 2012

बड़े हादसे का गवाह बन सकता रानी पुल



सिकटी (अररिया) : एवीएम सिकटी सड़क पर बना ऐतिहासिक रानी पुल जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उपेक्षा के कारण कभी भी बड़े हादसे का गवाह बन सकता है। पिछली बार आयी बाढ़ में रानीपुल के मध्य भाग धंसने के बावजूद भारी वाहनों का चलना बदस्तूर जारी है। यदि रानीपुल ध्वस्त हो जाता है तो सिकटी प्रखंड का जिला मुख्यालय संपर्क भंग हो जायेगा। बावजूद इसके जनप्रतिनिधि व प्रशासन की नींद अभी तक नहीं खुली है। ग्रामीण दिलीप, अशोक, धर्मानंद, भोला साह, सकील अंसारी का मानना है कि राजनेता भी सिकटी से सौतेला व्यवहार करते हैं क्योंकि हर चुनाव में एवीएम सिकटी सड़क चुनावी मुद्दा बनता है लेकिन आजतक एवीएम सिकटी सड़क की न तो तकदीर बदली है न ही तस्वीर। एक रानी पुल ही नहीं एवीएम सिकटी सड़क आधा दर्जन ऐसे पुल हैं जो कभी भी एक बड़े हादसे का गवाह बन सकते हैं। 2014 में आने वाला लोकसभा चुनाव में एवीएम सिकटी सड़क चुनावी मुद्दा बन सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सह भागलपुर सांसद सैय्यद शाहनवाज हुसैन से भी उक्त पुल की मरम्मत कराने की मांग की थी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री के प्रयास से तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस ने एवीएम सिकटी सड़क को सैनिक सड़क बनाने का शिलान्यास भी किया लेकिन आज तक इस पर अमल नहीं किया जा सका है। सिकटी वासियों को लग्जरी गाड़ियों पर बैठकर जिला मुख्यालय जाने का सपना पूरा नहीं हो सका।

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