जोगबनी(अररिया),निप्र प्रतिनिधि: योग गुरू बाबा रामदेव ने नेपाल के विराटनगर में पतंजलि योग समिति की शाखा की स्थापना के लिए गुरूवार को भूमि पूजन किया। इस अवसर पर नेपाल के उपराष्ट्रपति परमानंद झा, कार्यवाहक प्रधानमंत्री विजय गच्छेदार एवं आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र महतो ने बाबा का भव्य स्वागत किया। इसके बाद बाबा ने विराटनगर स्थित शहीद रंगशाला मैदान में योग शिविर में लोगों को प्राणायाम व योगासन आदि की जानकारी दी। शिविर को संबोधित करते हुए बाबा ने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार अमर लत्ते की तरह फैला हुआ है। इस पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गयी है। भारत जब समृद्ध होगा तो इसका सबसे अधिक फायदा नेपाल को होगा। उन्होंने स्वस्थ, संस्कार व वैभवशाली देश निर्माण के लिए लोगों से आह्वान किया। उन्होंने स्वस्थ काया के लिए लोगों से योग अपनाने पर बल दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि योग रोग, अहंकार और क्रोध पर काबू पाने का साधन है। बाबा ने कहा कि भारत को आर्थिक व आध्यात्मिक महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसा होने पर नेपाल भी समृद्ध होगा। क्योंकि भारत-नेपाल के बीच दिल और खून का रिश्ता है। योग शिविर में जाने से पूर्व योग गुरू ने भारत नेपाल के केसले नदी के किनारे दरैया में पतंजलि योग पीठ के लिए आवंटित भूमि पर शिलान्यास किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति परमानंद झा, आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र महतो, कार्यवाहक प्रधानमंत्री विजय गच्छेदार ने भी योग पीठ बनाने में हर संभव मदद की बात दोहरायी।
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बलि प्रथा का बाबा ने किया विरोध
जोगबनी: योग शिविर में पहुंचे योग गुरू ने बीच बीच में नेपाल के उपस्थित मंत्रियों से चुटकी लेते हुए कहा कि जिस तरह मोबाइल जल्दी नहीं खुलता है वैसे ही मंत्री भी जनता के सामने नहीं खुलते हैं। मंत्री जी ऐसे ही होते हैं। उन्होंने बलि प्रथा पर बोलते हुए कहा कि ईश्वर के नाम पर लोग अपने खाने के लिए बलि देते हैं। जो गलत है। ईश्वर तो पुष्प पत्र, जल और फल से ही प्रसन्न होते हैं। उन्होंने योग के माध्यम से स्वस्थ्य होने की बात कही। इस दौरान उन्होंने नेपाली टोपी पहन रखी थी।
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नेपाल के बिना भारत अधूरा: रामदेव
जोगबनी: भारत-नेपाल मैत्री पूरी दुनिया में एक मिशाल है। दोनों देशों के बीच भौगोलिक सीमा जरूर है लेकिन लोगों के दिल एक हैं। योग गुरू स्वामी रामदेव जी विराटनगर के शहीद रंगशाला मैदान में कहा कि हिंदुओं के ईष्ट भगवान राम का जन्म भारत में हुआ था तो माता सीता जी नेपाल की हैं। जिस तरह राम सीता के बिना अधूरे हैं उसी तरह भारत नेपाल के बिना अधूरा है। दोनों देशों के धर्म, संस्कृति, कर्म और आत्मा एक हैं। उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं लोगों के दिलों को नहीं बांट सकती है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच भाईचारा के साथ साथ खून का रिश्ता भी बना हुआ है। शहीद रंगशाला मैदान जाने से पूर्व योग गुरू ने भारत नेपाल सीमा से सटे नेपाल रानी स्थित दरैया पतंजलि योग पीठ हेतु आवंटित जमीन का पूजन कर शिलान्यास किया।
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