Tuesday, December 7, 2010

विलंब से चलने का रिकार्ड बना रही सीमांचल

फारबिसगंज(अररिया),हप्र: जोगबनी आनंद बिहार सीमांचल एक्सप्रेस के विलंब से चलने का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार की निर्धारित समय सात बजे फारबिसगंज पहुंचने वाली 2487 सीमांचल एक्सप्रेस दूसरे दिन मंगलवार को सुबह आठ बजे फारबिसगंज पहुंची। ऐसे में इस ट्रेन द्वारा लंबी दूरी की यात्रा कर अररिया, फारबिसगंज जोगबनी आदि स्टेशन की ओर आ रहे यात्रियों का हाल क्या रहा होगा, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
दिल्ली से लौट रहे कई यात्रियों ने मंगलवार की सुबह फारबिसगंज स्टेशन पर बताया कि ट्रेन को बेवजह विभिन्न स्टेशनों पर घंटों रोक कर रखा गया। जबकि इस महत्वपूर्ण ट्रेन में पैंट्री कार भी नहीं है। इस कारण भी यात्रियों को घोर परेशानी उठानी पड़ी।
इस सीमावर्ती क्षेत्र को उत्तरी भारत से जोड़ने वाली एक मात्र ट्रेन के विलंब से चलने के बार में रेलवे विभाग के पास कोई सही जवाब नहीं है। मंगलवार से जब इस संबंध में फारबिसगंज के स्टेशन अधीक्षक बीपी यादव से पूछा गया तो ट्रेन के लेट से चलने की जानकारी तो मिलती है लेकिन उसके वजह में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि शायद कुहासा के कारण ऐसा होता होगा। लेकिन सच्चाई यह है कि यदि कुहासा की बात की जाये तो यह समस्या अभी की है। जबकि विगत एक माह का आंकड़ा देखा जाये तो औसतन दिल्ली से वापसी की यात्रा में इस ट्रेन का परिचालन विलंबित लय ही रहा और शायद ही कभी अपने निर्धारित समय पर फारबिसगंज पहुंची। उल्लेखनीय है कि विगत एक सप्ताह से सीमांचल एक्सप्रेस के विलंब से चलने का समाचार इस समाचार पत्र में छपती रही है। लेकिन रेलवे द्वारा इस दिशा में कोई व्यवस्था नहीं किया जा सका। यात्रियों के समझ से से परे है। उन्हें लगता है कि रेल द्वारा इस क्षेत्र के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। यात्रियों की बात करें तो काफी मशक्कत के बाद सीमांचल एक्सप्रेस से यात्रा का टिकट आरक्षित करने के बाद उन्हें घंटों ट्रेन के इंतजार में प्लेटफार्म पर जाड़े में ठिठुरते हुए समय गुजारना पड़ता है। जैसा कि सोमवार की रात उन्हें सारी रात स्टेशन पर ही बैठ कर गुजारना पड़ा। लेकिन प्रतीत होता है कि यात्री असुविधाओं का रेलवे विभाग को कोई ख्याल ही नहीं।

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