अररिया, जागरण टीम: विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रति जिम्मेवार लोग किस तरह बेफिक्र बने रहते हैं, इसका ताजा उदाहरण अररिया कालेज में लगभग पौने दो करोड़ की लागत से बन रहा आउटडोर स्टेडियम है। कथित रूप से घटिया निर्माण के कारण स्टेडियम की दीवारों में दर्जनों स्थानों पर दरारें पड़ गयी हैं। इस संबंध में कालेज के प्राचार्य ने भी जिला प्रशासन को जानकारी दी है।
जानकारों के मुताबिक खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा जिला मुख्यालय में आउटडोर स्टेडियम निर्माण का निर्णय लिया गया था। इसके तहत तत्कालीन जिलाधिकारी यू के राय की पहल पर तत्कालीन आयुक्त आर के खंडेलवाल ने खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा जिला मुख्यालय में आउटडोर स्टेडियम खोलने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत तत्कालीन जिलाधिकारी यूके राय की पहल पर आयुक्त ने अररिया कालेज में लगभग पौने दो करोड़ की लागत से बहुउद्देश्यीय आउटडोर स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति दी गयी। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने वर्ष 2007 में ही इसका शिलान्यास भी किया। लेकिन तीन साल से अधिक हो जाने के बावजूद स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा सका।
वहीं स्टेडियम की दीवार में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर दरारें पड़ गयी हैं। इन्हीं दीवारों पर बनी है गैलरी, जिन पर हजारों लोग बैठेंगे। सहज सवाल यह है कि अगर कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदारी किस पर आयेगी? स्टेडियम के पश्चिम तरफ दीवार के एक हिस्से में अब तक प्लास्टर भी नहीं किया गया है। लेकिन चारों ओर रंग रोगन लगाकर संरचना को चमकाने की कोशिश जरूर की गयी है। दीवार, छज्जे व अन्य जगहों पर पड़ी दरारों को रंग-रोगन के बाद भी प्लास्टर की चिप्पी से ढंकने की कोशिश की गयी है। कई स्थानों पर प्लास्टर भी झड़ने लगा है। वहीं स्टेडियम के अंदर मिट्टी भरने व टै्रक बनाने के नाम पर जगह-जगह बालू के ढेर लगाकर छोड़ दिये गये हैं।
दीवार, छज्जे व स्टिफनर के निकट पड़ी दरारों के बारे में एक अवकाश प्राप्त अभियंता ने बताया कि दीवारों में पड़े क्षैतिज क्रैक्स बेहद खतरनाक होते हैं। उसमें भी अररिया भूकंप के जोन 5 में आता है। इसीलिए यहां के निर्माण कार्यो में इंजीनियरिंग के लिहाज से पूरी सावधानी बरती जानी चाहिए।
इस संबंध में कालेज के प्राचार्य डा. मुहम्मद कमाल ने बताया कि घटिया निर्माण संबंधी जानकारी से जिला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। निर्माण को स्तरीय बनाना तथा काम को ससमय पूरा करना जिला प्रशासन की जिम्मेवारी है।
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