Saturday, December 11, 2010

रोजगार के लिए पलायन

कुर्साकांटा(अररिया),निसं: औद्योगिक दृष्टिकोण से शून्य कुर्साकांटा प्रखंड के विभिन्न गांवों से मजदूरों का पलायन जारी है। प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर गांवों के भ्रमण करने के पश्चात यही स्पष्ट होता है कि यहां के बेरोजगारों को अपने और अपने परिवारों के पेट की ज्वाला शांत करने के लिए नयी नवेली दुल्हन, बाल बच्चों, बूढ़े माता-पिता का मोह त्याग कर विभिन्न प्रांतों में रोजी रोटी की तलाश में भटकना एक मजबूरी है। सरकार द्वारा इस पलायन को रोकने के लिए मनरेगा, रागायो जैसी कई योजनाएं चलायी गयी, परंतु सरकारी लचर व्यवस्था के कारण यह सफलीभूत नहीं हो पा रहा है। चुनाव के समय में जो जनप्रतिनिधि बड़ी-बड़ी घोषनाएं करते हैं चुनाव जीतने के बाद वे उन्हें भूल जाते हैं। प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश गांव के अधिकांश पुरूष गांव से बाहर हैं। गांव में या तो महिलाएं बच्चे देखने को मिलते हैं या बुढ़े बुजुर्ग। गरीबी और विकासहीनता का अभिशाप तथापेट की ज्वाला शांत करने की विवशता लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर रहा है

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