Monday, December 6, 2010

जीरो टिलेज विधि से किसानों ने की खेती की शुरुआत

अररिया, निप्र: अंतरराष्ट्रीय संस्था सीमिट इंडिया के तत्वावधान में रविवार को प्रखंड के अररिया बस्ती पंचायत अंतर्गत फरासूत गांव में जीरो टिलेज (बिना जुताई के बुआई) पद्धति से गेहूं की खेती प्रारंभ की गयी। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डा. राजकुमार जाट, तकनीकी विशेषज्ञ अशोक कुमार यादव, एसएमएस ज्ञानशंकर सिंह, प्रमुख पति अब्दुल हन्नान, शाद अहमद बबलू आदि उपस्थित थे।
कृषि वैज्ञानिक डा. राजकुमार जाट ने दावा किया कि हरित क्रांति के बाद इजाद जीरो टिलेज विधि से संरक्षित खेती को बढ़ावा देने से कृषि क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। प्रखंड क्षेत्र के अररिया बस्ती पंचायत स्थित फरासुत में रविवार को प्रमुखपति अब्दुल हन्नान के खेत पर सीमिट इंडिया एवं जिला कृषि विभाग के वैज्ञानिकों की देखरेख में जीरो टिलेज यंत्र से खेती शुरू की गयी।
मौके पर उपस्थित सीमिट इंडिया के वैज्ञानिकों ने बताया कि इस नवीनतम पद्धति से खेती करने पर एक ओर जहां किसानों को 30 प्रतिशत बीज व 40 फीसदी पानी की बचत होती है। वहीं उत्पादन में 25 फीसदी बढ़ोत्तरी भी होती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस पद्धति से गेहूं, मक्का, मसूर व मटर की खेती की जाती है। शिविर व किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों को इस तकनीक से अवगत कराया जा रहा है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार जीरो टिलेज मशीन की खरीद पर 80 प्रतिशत अनुदान भी दे रही है। कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार चालू रबी सीजन में अब तक 50 जीरो टिलेज यंत्र किसानों ने अनुदानित मूल्यों पर खरीद ली है। पहली बार इस पद्धति से खेती कर रहे कृषक उत्साहित दिख रहे है।

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