भरगामा(अररिया),जासं: गुरूनाम है ज्ञान का, शिष्य सीख ले सोई, ज्ञान मरजाद जाने बिना गुरू अरू शिष्य न कोई..। अर्थात गुरू ज्ञान का भंडार हैं। जिसके सहारे शिष्य मुकाम पा सकते हैं। उक्त बातें संतमत के वर्तमान आचार्य स्वामी श्री हरिनंदन जी महाराज ने भरगामा में रविवार से प्रारंभ दो दिवसीय संतमत के प्रखंड स्तरीय वार्षिक अधिवेशन के प्रथम दिन धर्मानुरागियों को संबोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रात: गुरू वंदना तथा स्तुति से की गयी। जिसमें गीता, रामायण तथा अन्य धर्मग्रंथ का पाठ किया गया। सत्संग में स्वामी कृष्णबल्लभ बाबा, स्वामी रमेश व बाबा परमानंद बाबा ने भी शिरकत की। तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतमत सत्संग के वर्तमान आचार्य स्वामी श्री हरिनंदन जी महाराज ने संतमत के गुरू व सदी के महानसंत ब्रह्मालीन पूच्यपाद महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के जीवन पर चर्चा करते हुए गुरू की महिमा व उनकी महत्ता पर व्याख्यान दिये। उन्होंने कहा कि एक मात्र गुरू ही जन को सद्मार्ग पर ले जा सकते हैं। उन्होंने ध्यान को अहम बताते हुए कहा कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे ब्रह्मा को प्राप्त किया जा सकता है। इस सद्मार्ग का ज्ञान केवल गुरू ही बता सकते हैं। कार्यक्रम के आयोजक प्रो. गुूरूदेव यादव ने स्थानीय सरपंच निर्मला देवी समेत शिवानंद साह, कृष्णदेव मलाकार तथा से.नि. वि.प्र. महेन्द्र बैठा समेत ग्रामीणों के सहयोग को सराहनीय बताया।
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