Sunday, December 5, 2010
कागजों में ही सिमटी वृक्षारोपण योजना
भरगामा(अररिया),जासं: मनरेगा के तहत वृक्षारोपण की महत्वाकांक्षी योजना भरगामा में विभिन्न कारणों से फलीभूत नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि यह वृक्षारोपण का कार्य पंचायत के बीपीएल तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के परिवारों के सहयोग से करवाया गया था जिसमें देखरेख तथा बाकी का कार्य भी वार्ड के ही जॉब कार्ड धारियों से लिया जाना था। किंतु जैसा कि बताया जा रहा है कि यह योजना धरातल से परे केवल कागजों में होकर रह गयी। अगर एकाध जगहों पर यह योजना चलाया ही गया तो वहां भी केवल खानापूर्ति की गयी। कार्यक्रम पदाधिकारी रामगंगा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना भरगामा प्रखंड में वर्ष 2008 में ही चलायी जा रही है। उन्होंने खुद यह भी स्वीकार किया कि कुछ पंचायत इस तरह की योजना से अनजान है तथा अपरिहार्य कारणों से यहां यह योजना नहीं चलायी जा सकी है। चर्चा पिछले कुछ वर्षो की करें तो भरगामा प्रखंड एक विशाल वन क्षेत्र वाला प्रखंड समझा जाता था। प्रखंड के बीचों बीच से निकलने वाली जेबीसी नहर के दोनों तटबंध पर कम से कम 45 किमी लंबाई वाले प्रखंड के सीमा से जुड़े नहर के तटबंध पर शीशम, सेमल, सागवान समेत अन्य बेशकीमती तथा दुर्लभ पेड़ों का झुंड था। किंतु विभागीय उदासीनता तथा वृक्षों की अवैध कटाई ने देखते ही देखते नहर के तटबंध को विरान कर दिया। और प्रखंड लगभग वन से विरान हो गयी। ऐसा नहीं है कि इस अवैध कटाई की भनक विभाग को या पुलिस प्रशासन को नहीं मिली। बताया तो यह भी जा रहा है कि वन विभाग के अधिकारियों ने प्रखंड के वृक्षों की कटाई में संलिप्त कुछ चेहरों को शिनाख्त की जिस पर मुकदमा भी किया गया। किंतु अज्ञात कारणों से स्थिति सामान्य ही रही। एक दुर्लभ वृक्ष को बचा पाने में प्रशासन नाकाम रहा।
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