Monday, April 11, 2011

मासिक साहित्यकार स्मृति गोष्ठी


फारबिसगंज(अररिया) : द्विजदेनी उच्च विद्यालय परिसर में इंद्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में मासिक साहित्यकार स्मृति गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें तीन दिवंगत साहित्यकारों को श्रद्धांजलि दी गयी। गोष्ठी की अध्यक्षता डा. जगदीश लाल मंडल ने की। साहित्य प्रेमियों ने राष्ट्रकवि माखन लाल चतुर्वेदी, राहुल सांकृत्यायन और निर्मल वर्मा को श्रद्धा पुष्प अर्पित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।
कर्नल अजीत दत्त, डा. एनएल दास, मांगन मार्तण्ड तथा सीआरपीएफ के कमांडेंट संजीव रंजन ने राष्ट्रकवि माखन लाल चतुर्वेदी के बारे में बताया कि वे स्वाध्याय के बल पर संस्कृत, बंगला, गुजराती और मराठी भाषाएं सीखे थे। पद्म विभूषण सम्मान से विभूषित चतुर्वेदी की रचना पुष्प की अभिलाषा आज भी लोगों के कंठ में बसा हुआ है।
वहीं कवि राहुल सांकृत्यायन पर चर्चा करते हुए उमाकांत दास, भोला महतो, डा. मंडल ने बताया कि वे भारतीय समाज की धार्मिक सांस्कृतिक विकास यात्रा के लिए कई विलक्षण रचनाओं का सृजन किया जिसमें इतिहास, दर्शन शास्त्र, यात्रा साहित्य, नाटक और पुरातात्विक लेखन शामिल है। कालांतर में वे बौद्ध धर्म से भी प्रभावित रहे। जबकि हेमंत यादव शशि, विनोद कुमार तिवारी, जगत नारायण दास आदि ने कहानीकार निर्मल वर्मा के बारे में कहा कि वे एक कुशल प्राध्यापक भी थे। बताया कि शिमला में जन्मे वर्मा अपने स्कूली जीवन से ही कहानियां लिखने लगे थे। मनोज तिवारी द्वारा संचालित इस गोष्ठी में शिव नारायण चौधरी, महेन्द्र झा, दीप नारायण नायक, सुभाष डे, ओमप्रकाश राय, जयकांत झा, कृत्यानंद राय, सुनील दास आदि उपस्थित थे।

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