अररिया : एमएसडीपी योजना के मामले में अररिया जिला की हालत बहुत खराब है। आप अधिकारियों की शिथिलता की वजह से प्रधान सचिव डीएम को फटकार लगाते है। इसलिए एमएसडीपी योजना में कोताही बरतने वाले पदाधिकारी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा। यह बात जिला पदाधिकारी एम सरवणन ने सोमवार को आत्मन कक्ष में एमएसडीपी की समीक्षात्मक बैठक में कही। समीक्षा के क्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक अहसन द्वारा रिपोर्ट नहीं देने तथा ससमय उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देनेपर डीएम ने कड़ी फटकार लगाते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा करने का निर्देश दिया। डीएम श्री सरवणन ने डीएसई को कहा कि आप एमएसडीपी योजना के प्रति संवेदनशील नहीं है। साथ ही आपके द्वारा योजनाओं की समीक्षा भी नहीं की जाती है। जिसका नतीजा है कि दस स्कूलों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण होना था। लेकिन दस माह के दौरान एक भी पूर्ण नहीं हुआ। उन्होंने डीएसई के अधीन योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र 24 घंटे के भीतर देने का निर्देश दिया है। आंगनबाड़ी केंद्रों की समीक्षा क्रम में सामने आया कि स्वीकृत 694 यूनिट में से 297 पर कार्य शुरू है लेकिन पूर्ण सिर्फ 24 ही है। उन्होंने डीपीओ को निर्देश दिया कि सभी सीडीपीओ व पर्यवेक्षिका को इस कार्य में लगाये। जो कार्य के प्रति लापरवाही बरतती है उनके विरूद्ध कड़ा एक्शन ले। 89 स्कूलों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष निर्माण के संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल 2 द्वारा सही व यूनिटवार रिपोट नहीं दी गयी। साथ ही कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार बिना किसी पूर्व सूचना बैठक से अनुपस्थित थे। जिस पर आक्रोशित होते हुए डीएम ने फौरन कार्य प्रमंउल के सचिव से वार्ता की तथा मनोज कुमार के बर्खास्तगी की अनुशंसा करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य के प्रति संवेदनशील नहीं दिखाने वाले पदाधिकारी की जरूरत नहीं है। बैठक में पीएचईडी विभाग की भी समीक्षा हुई। बैठक में विकास शाखा के प्रभारी विजय कुमार, आरईओ वन ईई यूके मिश्रा, पीएचईडी के ईई लाल बाबू महतो, डीपीओ चंद्रप्रकाश, एडीपीआरओ वाय के लाल समेत कई बीडीओ उपस्थित थे।
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