सिकटी(अररिया) : मानसून की पहली बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। इससे विभिन्न नदी घाटों पर बने चचरी पुल बह गए हैं। इस कारण दोदर्जन से अधिक गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है। कहते चलें कि प्रखंड के पूर्वी भाग से होकर बहने वाली नूना नदी के सैदाबाद घाट पर बने चचरी पुल होकर रानीकट्टा, सोनापुर, कुचहा, डिम्हिया, आमबाड़ी सहित पूर्वी भाग के लोग प्रखंड आते थे जिसके बह जाने से इन गांवों के लोगों को पचीस किमी घूमकर नेपाल होकर प्रखंड आना पड़ता है। उसी तरह पश्चिम भाग में बकरा नदी के पश्चिम पोठिया, बेलवाड़ी, रामनगर, कौआकोह, तीरा, पड़रिया के लोग तीरा, पड़रिया, ठेंगापुर, नेमुआ एवं नुनिया घाट पर बने चचरी से नदी पार कर मुख्यालय आते थे। लेकिन अब उन्हें या तो कुर्साकाटा कुआड़ी होकर या फिर गुंजन चौक बरदाहा होकर लंबी दूरी तय कर प्रखंड जाना पड़ता है। इन घाटो पर बरसात खत्म होने पर प्रतिवर्ष नवंबर दिसंबर माह में बांस का चचरी पुल स्थानीय लोगों के सहयोग से बनाया जाता है जो जून तक चलता है। इन घाटों में बकरा नदी के पड़रिया घाट को छोड़कर अन्य घाटों पर पुल निर्माण की आवश्यकता है जिस दिशा में जनप्रतिनिधि उदासीन है। पड़रिया घाट पर पुल निर्माणाधीन है।
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