Monday, October 31, 2011

जुआरियों की काबिलियत या पुलिस की दरियादिली?


फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज, बथनाहा व नरपतगंज थानों में दीपावली के पहले से गुप्त स्थानों पर चल रहा जुए का धंधा छठ पर्व तक जारी है। फिर भी पुलिस के हाथ खाली ही हैं। इसे जुआरियों की काबिलियत कहा जाय या पुलिस की दरियादिली। गुप्त स्थान पर यह खेल अभी भी जारी है। इसे आपसी तालमेल और सामंजस्य का परिणाम भी बताया जा रहा है। एसपी, एसडीपीओ से लेकर थानों द्वारा भी जुआ और जुआरियों पर लगाम कसने के दावे पूर्व से ही किये जा रहे हैं। जुआरियों को पकड़ने के लिए कुछ जगहों पर पुलिस ने छापेमारी व जांच की कार्रवाई भी की। लेकिन कोई पकड़ में नही आया।
पुलिस की इसी मेहरबानी से तो कई बार फारबिसगंज में गोलीकांड, हत्या, डकैती और पुलिस की पिटाई जैसी घटनाओं को आधार दिया। नतीजा-झेलना तो पुलिस प्रशासन के वरीय पदाधिकारी से लेकर सरकार तक को झेलना पड़ा है। बथनाहा में तो जुआ खेलने गए एक युवक की लाश भी बरामद हुई।

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