Wednesday, November 2, 2011

बीस वर्ष बाद रफीक घर लौटा, परिजनों में खुशी


जोकीहाट (अररिया) : फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे, वो शमां क्या बुझे जिसे रोशन खुदा करें ..। यह कहावत उस समय हकीकत में बदल गई जब प्रखंड के सिसौना पंचायत के ठेंगापुर गांव वार्ड नंबर एक के कुद्दुस के घर से भटका हुआ पुत्र रफीक लगभग बीस वर्ष बाद अचानक मंगलवार को सकुशल घर लौट आया। मां मकरून्निसा व पिता कुद्दुस भटके हुए बेटे रफीक के अचानक घर पहुंचने पर शायद यकीन नही कर पा रहे थे कि जिस बेटे का 20 वर्षो से कोई अता-पता नही था वह आज अचानक अल्लाह का तोहफा बनकर घर लौट आयेगा। रफीक की मां मकरून्निशां ने ने बताया कि आज से लगभग 20 वर्ष पूर्व मेरा बेटा घर से भटक गया था। उस समय वह दस साल का था। काफी खोजबीन के बाद जब रफीक नही मिला तो रफीक के घरवालों ने हताश होकर मन में तसल्ली ले ली कि शायद खुदा को यही मंजूर था।
गांव के वार्ड सदस्य वसीम व मो. अजीम ने बताया कि रफीक के खोने के बावजूद उनकी मां रफीक की सलामती की हुआ अल्लाह से करती रही जिसका नतीजा है कि आज रफीक मां के पास फिर से लौट आया है। रफीक इस दौरान यूपी के सहारनपुर, वाराणसी आदि शहरों में भटकता रहा। रफीक के घर वापस आ जाने से उसके घर व गांव में खुशी का माहौल है।

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