Friday, November 4, 2011

श्रमिक पलायन से प्रभावित हो रही धनकटनी


भरगामा (अररिया) : प्रखंड से श्रमिक पलायन व इस कारण से उत्पन्न मजदूरों के अभाव के बाद धानकटनी एवं खेतीबाड़ी से जुड़े अन्य कार्य के निष्पादन को लेकर क्षेत्र के खेतिहर किसान कठिनाई झेल रहे हैं।
कहां से लाएं मजदूर और कैसे करें खेती बाड़ी?
पिछले कई वर्षो से बढ़ती महंगाई के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेल रहे प्रखंड के किसानों समझ मजदूर की समस्या एक ज्वलंत समस्या बन गई है। सीमित मजदूरों को लेकर ससमय मौसम के अनुकूल रहकर खेती करना असंभव सा दिख रहा है।
प्रखंड क्षेत्र के किसान बताते हैं कि आसमान पहुंची महंगाई में किसानों ने जैसे-तैसे ऋण या अन्य युक्ति से खेती तो लगायी लेकिन अब जब धान की कटाई सिर पर है तो मजदूरों का हीं अभाव है। ऐसा नही है कि मजदूरों का कोई विकल्प नहीं है। मौजूद संसाधन, उच्च तकनीक की यंत्र या मौजूद बांकी मजदूरों की मजदूरी खासकर मजदूर के अभाव में इतनी बढ़ गई है जिसे झेल पाना कम पूंजी के किसानों से असंभव सा है। दूसरी बात कि अगर मजदूरी की समस्या को किसान झेले भी हो तो खेती में आए लागत की भरपाई कैसे होगी और लिए गए कृषि ऋण का क्या होगा?

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