Monday, July 2, 2012

विकास की रोशनी से महरूम दलित बस्ती

भरगामा(अररिया) : सूबे के मलिन बस्तियों को साधन संपन्न बनाकर समाज के मुख्य धारा से जुड़ने के लिए राज्य सरकार या केंद्र सरकार नित नए-नए प्रयोग कर रही है वहीं केवल भरगामा में दलित व महादलितों की दर्जन से ऊपर बस्ती है जो सूबे के सर्वागीण विकास से आज भी अंजान है। पासवान टोला की दूरी प्रखंड कार्यालय से महज सौ कदम की है। दशकों बीत गए गांव में अदद सड़क की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो सकी। कल्याणकारी योजनाओं में वृद्धापेंशन, विधवा पेंशन, राशन किरासन, इंदिरा आवास आदि योजनाओं का सच यह है कि बस्ती की अस्सी प्रतिशत की आबादी उक्त योजना के लाभ तो दूर इसके नामों से भी अंजान है। गांव निवासी मुकेश पासवान बताते हैं कि जाब कार्ड के लिए प्रोग्राम पदाधिकारी कार्यालय से लेकर पंचायत प्रतिनिधियों के घर काफी चक्कर लगाया लेकिन अधिकांश लोगों का जाब कार्ड आज भी नहीं बन पाया है। दिलीप पासवान का कहना है कि बस्ती में आने जाने के लिए कच्ची सड़क तक उपलब्ध नहीं है।

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