भरगामा (अररिया) : विद्यालयों में चलाए जा रहे अति महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना विभागीय उदासीनता व कथित अधिकारियों की लापरवाही के कारण फिलवक्त खाओ-पकाओ की योजना बन कर रह गई है। मालूम हो कि प्रखड के नवसृजित प्राथमिक या फिर मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के नाम पर प्रति माह एक बड़ी राशि का उठाव किया जाता है। जिसमें केवल चावल की आपूर्ति सात सौ से साढ़े सात सौ क्विंटल प्रति माह की है। कई विद्यालय प्रधानों ने बताया है कि योजना के आय-व्यय ब्यौरे को का समर्पित करने से पूर्व योजना के प्रखंड प्रभारी की स्वीकृति अनिवार्य होती है। साथ ही स्वीकृति हेतु एक निश्चित रकम भी देना अनिवार्य होता है। उधर मध्याह्न भोजन योजना के प्रखंड प्रभारी मनोज कुमार शर्मा उक्त आरोपों का खंडन करते हुए सिरे से ही बेबुनियाद बताया।
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