Monday, December 6, 2010

अररिया फिर कालाजार की चपेट में

अररिया/कुसियारगांव, जाटी.: शहर से लेकर गांवों तक में फैल गंदगी के अंबार व विभागीय सुस्ती का खामियाजा अब यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जिले के सभी प्रखंड कालाजार के चपेट में आ गये हैं। जिले के मात्र दो-तीन प्रखंडों में रोगियों के पहचान के लिए चलाये गये सर्वेक्षण कार्यक्रम में करीब दो हजार मरीज कालाजार से पीड़ित पाये गये हैं। जबकि कई प्रखंडों में अभी सर्वे कार्यक्रम नहीं चल पाया है। चिकित्सकों की मानें तो यदि व्यवस्थित तरीके से रोगियों की पहचान हुई तो इसकी दस हजार से भी ज्यादा हो सकती है। वहीं कालाजार के चिह्नित रोगियों को भी अस्तपतालों में ससमय उचित दवा भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिससे कई रोगी असमय ही काल के गाल में समा रहे हैं।
कालाजार प्रभारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सीके सिंह का मानना है कि इस क्षेत्र में वर्ष में कम से कम तीन चार बार डीडीटी का छिड़काव जरूरी है। उन्होंने बताया कि फंड के अभाव में यह छिड़काव समय पर नहीं हो पाती है। जिससे मच्छरों का तादाद बढ़ रही है।
वास्तविकता यह है कि गंदगियों से पनप रहे मच्छरों की तादाद को रोकने के लिए मलेरिया विभाग सुस्त है। न डीडीटी का छिड़काव न समय पर जागरूकता कार्यक्रम होने से यहां लगातार कालाजार मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
बताया जा रहा है कि दो वर्षो के दौरान इस रोग से एक दर्जन से अधिक व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। लेकिन विभाग इस आंकड़े को खुलासा करने से कतरा रही है। इसी माह अररिया प्रखंड के बोची की रहने वाली बीबी सुलताना पति मंजर आलम की मौत कालाजार से हो गयी है। रोगियों को मिलने वाली सरकारी अनुदान का लाभ भी एक वर्ष से बंद पड़ा है। इस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था का आलम यह है कि रोगियों को दवा के नाम पर अररिया अस्पताल छोड़कर अन्य पीएचसी में कारगर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इंजेक्सन लेने के लिए प्रतिदिन दर्जनों रोगी अन्य प्रखंडों से सदर अस्पताल पहुंचते हैं। लेकिन यहां भी अधिकांश दिनों दवा गायब रहती है। ऐसी परिस्थिति में सपंन्न रोगी बाजार से दवा खरीद लेते हैं। लेकिन निर्धन रोगी इस रोग के चपेट में आ जाते हैं। वहीं मच्छरों को विषयुक्त बनाने के लिए डीडीटी का छिड़काव वर्ष दो वर्ष में एक दो बार कर दी जाती है।
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जनवरी से अक्टूबर माह तक का आंकड़ा
प्रखंड -चिह्नित मरीजों की संख्या
1. अररिया- 378
2. फारबिसगंज- 690
3. जोकीहाट- 2
4्र. कुर्साकांटा- 47
्र5. सिकटी- 22
6.पलासी- 59
7. नरपतगंज- 73
8. रानीगंज- 441
9. भरगामा- 48
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कुल-1760
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बालू मच्छर के काटने से होता है कालाजार: चिकित्सक
अररिया/कुसियारगांव: कालाजार नियंत्रण विभाग के प्रभारी सह अपर मुख्य चिकित्सा प्रभारी डा. सीके सिंह ने बताया कि बालू मच्छरों के काटने से कालाजार का रोग फैलता है। उन्होंने बताया कि यह रोग एक बालू मच्छर या एक बार काटने से नहीं फैलता है। बल्कि एक साथ कई अंगों एवं बारंबार काटने से इसका प्रभाव पड़ता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए डीडीटी छिड़काव की साल में कम से कम दो तीन बार जरूरत है। उन्होंने बताया कि आगामी फरवरी में डीडीटी छिड़काव होने की संभावना है। क्योंकि विभाग इसके लिए जिला पदाधिकारी को भी लिखित सूचना भेज दी है। उन्होंने बताया कि बालू मच्छर सड़ांध पानी एवं कचरा से प्रभावित जगहों पर ज्यादा पैदा होती है।

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