Monday, December 6, 2010

औरतों को शिक्षित किए बिना समाज की तरक्की नामुमकिन: मौलाना सोहैल

अररिया, संस: आबिदा शम्स मेमोरियल चैरिटेबुल ट्रस्ट अररिया के सौजन्य से महबूब नगर बेलवा मजगांवा में रविवार की रात अदारा असाअतुल कुरआन का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर असलाहे मआशरा व तालीमी बेदारी को लेकर एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसकी सदारत मौलाना अनवार आलम नाजीस दारूल उलूम बहादुरगंज ने की। जबकि नजामत के फराएज मो. युनुस मुफताती ने की। इस मौके पर मौलाना सोहेल अहमद नदवी ने कहा कि औरतों के शिक्षा के बगैर समाज की तरक्की नामुमकिन है। साथ ही मआशरे में फैली बुराईयों केा रोकने के लिए महिलाओं को शिक्षित होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर एक लड़की शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है और खुशगवार माहौल बनता है। मौलाना जुबेर आलम मोजहिरी ने कहा कि दहेज लेना और देना दोनों गलत है। जिसके चलते समाज से हमारी बेटी व बहनें शादी से वंचित हैं। इन्होंने कहा कि दहेज भी एक प्रकार का रिश्वत है। उन्होंने जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि शादी को सरल से सरल बनाया जाए। मौलाना जुबेर ने कहा कि हम अपने बच्चों को दीनी दुनियाबी तालीम के साथ बेहतर तरबीयत भी दें। इस जलसे में तकरीर पेश करने वालों में जीरो माइल दारूल उलूम के नाजीस मुफ्ति अलीमउद्दीन, मौलाना नबी हसन के अलावा कई उलमा शामिल थे। जलसे में महिलाओं के लिए विशेष प्रबंध किये गये थे। जलसा को सफल बनाने वालों में इंजीनियर मंजूर आलम, मतलूब आलम, नैय्यर आलम, खालीद हुसैन, मो. हाशिम आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जलसा रात भर चला।

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