Sunday, June 5, 2011

भू-माफिया के इशारे पर हुई घटना: विधायक


-नेताओं ने प्रशासन की कार्रवाई को एक पक्षीय बताया
फारबिसगंज(अररिया) : अररिया विधायक सह लोजपा के वरिष्ठ नेता जाकिर अनवर ने शुक्रवार की घटना को प्रशासन द्वारा एक तरफा कार्रवाई करार देते हुए कहा कि कटिहार के उद्योगपति सह भू-माफिया के इशारे पर प्रशासन ने इस घटना को अंजाम दिया है। शनिवार को जुम्मन चौक पर ताहिर अंसारी के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक श्री अनवर ने कहा कि वर्ष 1980 में ही भजनपुर के ग्रामीणों की उक्त जमीन को अधिगृहीत किया गया था। जिसका मुआवजा भी उन्हें अब तक नहीं मिला है। जाकिर ने बताया कि पुलिस के गोली कांड में निरीह लोगों की जान जाना नीतीश सरकार के कुशासन का एक और प्रमाण है। इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
वहीं पूर्व विधायक सह राजद जिलाध्यक्ष अनिल यादव ने घटना की निंदा करते हुए इसे पुलिस द्वारा एक जघन्य हत्याकांड बताया। उन्होंने एनएच 57 का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें ली गयी जमीन के एवज में कई लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इस संदर्भ में श्री यादव ने बटराहा कांड की चर्चा करते हुए बताया कि वहां भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर पुलिस ने निर्दयता पूर्वक गोली चलायी थी। जबकि प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष भारतेंदु यादव ने कहा कि निहत्थे ग्रामीणों पर पुलिस की गोली चलाने की घटना की जितनी भी निंदा की जाये कम होगी। कहा कि दोषी तो भाग गये लेकिन निर्दोषों को प्राण गंवाना पड़ा। पूर्व जिलाध्यक्ष हरि वैश्यंत्री, उपाध्यक्ष अनिल सिन्हा और शाद अहमद, साबिर अंसारी पूर्व प्रखंड प्रमुख आदि ने भी घटना की निंदा करते हुए मृतकों और जख्मी लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की। वहीं पूर्व विधायक मायानंद ठाकुर ने इसे एक अमानवीय घटना बताते हुए मामले के निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की।
जबकि सीपीआई नेता कामरेड फुलेन्द्र सिंह ने इसे ग्रामीण राजनीति का परिणाम बताया। कहा कि पंचायत स्तरीय राजनीति ने आग में घी का काम किया है। हालांकि उनके इस बयान पर प्रेस वार्ता में उपस्थित नेता बिफर उठे और कहने लगे कि यह घटना ग्रामीणों के आक्रोश के कारण हुआ है ना कि उपद्रवियों के कारण। वे बार बार इसकी सफाई देने लगे। वहीं इस मौके पर उपस्थित जमात ए इसलामी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मो. मोहसिन ने पुलिस के रवैये पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीणों को उनकी सड़क तथा परिजनों को मुआवजा मिलनी चाहिए। समाजसेवी ताहिर अंसारी ने कहा कि जब दो दिन पूर्व समझौता हुआ था तो ग्रामीणों को धैर्य रखना चाहिए था और पुलिस को भी गोली चलाने में संयम बरतते हुए कमर से नीचे गोली चलानी चाहिए थी।

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