Friday, June 10, 2011

इंदिरा आवास: दो माह में बने सिर्फ दो सौ बाइस


-प्रशासन की मंशा सही लाभार्थियों तक योजना लाभ पहुंचाना-प्रभारी डीडीसी
अररिया : जिले में प्रशासनिक महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जहां जिलाधिकारी प्रयासरत हैं वहीं कर्मियों की लापरवाही के कारण सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुस्त पड़ गया है। इसी कारण गत 29 मई को सूबे के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी बैठक में नाराजगी जता चुके हैं। इस संबंध में डीआरडीए निदेशक सह प्रभारी डीडीसी जफर रकीब ने बताया कि जिले में डेहटी पैक्स जैसे घोटाले हुए हैं। इसलिए काफी फूंक फूंक कर कदम उठाये जा रहे हैं जिस कारण कुछ विलंब हो रहा है। जिले में महात्वाकांक्षी योजना इंदिरा आवास लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। जिले के नौ प्रखंड में दो माह के दौरान सिर्फ 222 इंदिरा आवास का ही निर्माण हो पाया है। वित्तीय वर्ष 2011-12 का तीसरा माह शुरू हो चुका है परंतु गरीबों के सर पर छत देने वाली यह योजना काफी पीछे चल रही है। गत वर्ष व इस वित्तीय वर्ष में कुल 55996 आवास बनाने का लक्ष्य जिला प्रशासन ने निर्धारित किया था। लेकिन एक अप्रैल को लंबित योजना में से मात्र 222 आवास ही पूर्ण होने की रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास मौजूद है। हैरत की बात तो यह है कि वित्तीय वर्ष 11-12 में लक्ष्य के विरुद्ध किसी भी प्रखंड से एक भी इंदिरा आवास स्वीकृत नहीं किया गया। पूर्ण 222 आवास में जोकीहाट में 19, कुर्साकांटा में 65 एवं रानीगंज में 138 आवास शामिल हैं। शेष प्रखंडों में इस वर्ष एक भी आवास पूर्ण नही हुए हैं। हालांकि, प्रशासनिक रिपोर्ट पर गौर करें तो अपूर्ण आवास में छत तक 6622, दीवार तक 8956, लिंटल तक 12609 तथा प्लींथ तक 15804 मकान बने हैं। जबकि एक अप्रैल 2011 तक अररिया प्रखंड में 7901, जोकीहाट 1070, पलासी 5958, सिकटी- 5011, कुर्साकांटा 2009, रानीगंज 13467, फारबिसगंज में 8060, नरपतगंज 8001 व भरगामा में 4519 इंदिरा आवास लंबित हैं। इसलिए प्रशासन का सख्त निर्देश है कि बीडीओ सही लाभार्थी को ही योजना राशि मुहैया करायें। इसीलिए काफी फूंक फूंक कर कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन की मंशा सही लाभार्थियों तक योजना लाभ पहुंचाना है।

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