अररिया : फारबिसगंज में निर्माणाधीन स्टार्च फैक्ट्री में रास्ते की मांग करने गयी उग्र भीड़ पर हुई पुलिस फायरिंग में मारे गये सभी चार लोग मजदूर परिवारों से थे। मृतक दो पुरुष व एक महिला तो मजदूर थे ही मारा गया, एक अबोध बालक भी मजदूर का ही बेटा था। हालांकि उसकी मां भी गोली लगने से घायल है। मृतक में शामिल एक महिला का पति तो उसी फैक्ट्री में मुंशी का काम करता था। रास्ते की मांग करने जाने से पहले उनमें किसी को यह भान तक नही था कि इतना बड़ा हादसा हो जायेगा।
हादसे ने मृतक के परिजनों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या खड़ी कर दी है, क्यों कि सभी मृतक मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। मृतक में एक मुस्तफा अंसारी की उम्र लगभग 25 वर्ष थी। उसके पिता फटकन अंसारी हैं। चार भाई बहनों में बड़ा मुस्तफा मजदूरी कर पूरे परिवार का भरण-पोषण करता था। वहीं मुख्तार अंसारी की उम्र भी करीब 22 साल थी। पिता फारुक अंसारी के अनुसार वही भी मजदूरी कर घर का खर्च चलाता था। मृतकों में शामिल सजमीना खातुन (35 वर्ष) का पति फारूक अंसारी तो उसी स्टार्च फैक्ट्री में मूंशी का काम करता था। वह गर्भवती भी थी। वहीं पुलिस की गोली का शिकार एक आठ माह का अबोध बालक भी हुआ जिसने अभी
ठीक से दुनियां भी नहीं देखी थी। उसके पिता सादीक अंसारी भी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते है। बालक की मां रेहाना खातुन की भी पुलिस की गोली लगी है जो अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। मारे गये सभी निरीह एवं मजदूर वर्ग से थे जिसके परिजनों के समक्ष अब रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
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