Sunday, July 1, 2012

भुगतान नहीं होने के विरोध में प्रशासन का तेल बंद


अररिया : क्या सरकारी गाड़ियां इसी तरह चलती हैं? अगर तेल लिया तो उसका भुगतान भी होना चाहिए। लेकिन प्रशासन के कई विभाग ऐसे हैं जिसने पंप से तेल लेने के बाद भी उसका भुगतान नहीं किया। इसके विरोध में पंप मालिक ने रविवार से डिफाल्टर वाहनों को तेल देना बंद कर दिया है।
जिला मुख्यालय स्थित सरकारी वाहनों के लिए तेल की आपूर्ति आम तौर पर बर्मा सेल (भारत पेट्रोलियम की एजेंसी एसएम अब्दुल जब्बार एंड संस)पंप से की जाती है। लेकिन एक दर्जन से अधिक सरकारी विभाग ऐसे हैं जिन्होंने इस पंप से तेल तो ले लिया लेकिन उसका भुगतान नहीं किया।
इससे दुखी पंप आनर ने संबंधित विभागों को पत्र लिख कर बकाए राशि के भुगतान की मांग की है। आर्थिक रूप से दयनीय हो चुके पंप मालिक ने विभागों को बाकायदा लिखित सूचना देकर तेल देना बंद कर दिया है। यही नही पंप पर रविवार को ग्राहक सेवा भी बंद रही।
पंप मालिक मो.अरशद ने बताया कि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास भी बकाया है, हालांकि कई बार कहने के बाद वहां से भुगतान का आश्वासन मिला है। लेकिन जिला पंचायती राज पदाधिकारी कार्यालय में वर्ष 2006 से 2009 तक का बकाया है। तीन साल से दौड़ रहे हैं। इसी प्रकार साक्षरता मिशन अररिया के पास वर्ष 2007 से ही 62 हजार रूपये के लिए चक्कर लगाते लगाते थक गये, लेकिन भुगतान नही मिल पा रहा है। उप निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में सात वर्ष पूर्व से बकाया है। उन्होंने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति के पास भी तीन माह का बकाया है। लेकिन भुगतान के नाम पर आज कल किया जाता है। सबसे अधिक समय से अनुमंडल कार्यालय में बकाया है। वही नगर परिषद अररिया में चेक के माध्यम से भुगतान तो किया जाता है, लेकिन उस चेक के भुगतान के लिए ट्रेजरी का दर्जनों बार चक्कर लगाना पड़ता है। इसके लिए कई कर्मियों को चढ़ावा भी देना पड़ता है। अरशद ने बताया कि एक दर्जन सरकारी विभागों के पास करीब पंद्रह लाख रूपये ज्यादा का बकाया है। जब विभाग द्वारा चेक बनाया जाता है तो उस चेक को लेने के लिए संबंधित कर्मचारियों को .. पड़ता है। अन्यथा जानबूझ कर उसे परेशान किया जाता है। इन सारी बातों की जानकारी पंप मालिक ने जिलाधिकारी को भी दी है।
विभाग जिनकी तेल आपूर्ति हुई है बंद:
-अपर समाहर्ता
-उप विकास आयुक्त
-कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद
-जिला पंचायती राज पदाधिकारी
-अंचल पदाधिकारी
-सामाजिक सुरक्षा कोषांग
-जिला स्वास्थ्य समिति
-अनुमंडल पदाधिकारी
-साक्षरता समिति

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