Sunday, July 1, 2012

अनुमोदन पश्चात ही चल रही एमएसडीपी योजना: सरवणन

अररिया : एमएसडीपी योजना मद की राशि से जिले में कराये गए कार्यो के गुणवत्ता की लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर प्रशासन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। इस राशि से मदरसों में किसी तरह का काम नहीं होने का ठिकरा केंद्र सरकार के शक्ति प्रदत्त समिति पर फोड़ा जा रहा है। इस संबंध में जिला पदाधिकारी एम. सरवणन ने शनिवार को बताया कि एमएसडीपी योजना के तहत जिला से मदरसों के विकास के लिए भी योजना भेजी गई। लेकिन भारत सरकार के शक्ति प्रदत्त समिति ने समीक्षा के उपरांत मदरसा की योजनाओं को छांटकर अन्य योजनाओं पर अनुमोदन दिया। इस आलोक में जिले के स्कूलों में बेंच-डेस्क, टेरा फिल्टर, शौचालय तथा आंगनबाड़ी भवन आदि कार्य कराया जा रहा है। डीएम श्री सरवणन ने एमएसडीपी योजना मद से कराये गए कार्यो की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि एमएसडीपी सेक्टर से हटकर अन्य योजना नही ली जा सकती है। श्री सरवणन ने कहा कि मदरसा से संबंधित योजना का प्रस्ताव जिला शिक्षा विभाग द्वारा तैयार करना है, पर नहीं किया जा रहा है। बेंच-डेस्क व टेरा फिल्टर लगाने के मामले में डीएम ने कहा कि डीएसई व डीईओ के द्वारा स्वीकृत सूची के आधार पर ही क्रमानुसार स्कूलों का चयन किया गया। डीएम ने कहा कि हो सकता है किसी स्कूल में पांच फीसदी अल्पसंख्यक विद्यार्थी हैं, फिर भी एमएसडीपी कोड के अनुसार योजना दिया जाना है। फारबिसगंज आईटीआई में भवन निर्माण कराने के मामले पर डीएम ने कहा कि जिले का एकमात्र सरकारी तकनीक संस्थान है। आज वहां भले हीं अल्पसंख्यक छात्र न हो भविष्य में कालेज सुदृढ़ होने पर जरूर आयेंगे। डीएम ने माना कि कुछ जगह टेरा फिल्टर चलाने का तरीका नहीं होने के कारण बंद पड़ गया। जांच कराई जा रही है। एसएसए से स्कूलों में हर सुविधा के लिए पैसा दिया जाता है, पर बेंच-डेस्क के लिए। इसलिए जिला प्रशासन ने ऐसे योजनाओं का क्रियान्वयन बिहार व केंद्र सरकार के अनुमोदन के पश्चात ही काम कराया जा रहा है। डीएम ने कहा कि नियम के तहत व पूरी पारदर्शिता के साथ एमएसडीपी योजना जिले में चल रहा है।

0 comments:

Post a Comment