Monday, December 6, 2010
मोक्ष के लिए ध्यान व ध्यान के लिए सदाचार का पालन का आवश्यक :
भरगामा(अररिया),जासं: भरगामा थाना क्षेत्र के महर्षि मेॅंही विद्यालय महथावा के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय प्रखंड स्तरीय संतमत सत्संग का समापन सोमवार को हो गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतमत के आचार्य स्वामी श्री हरिनंदन जी महाराज थे। सत्संग में दूर दराज से आये कई संत महात्माओं संग धर्मावलंबियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम स्थल पर सत्संगियों के रहने खाने आदि की भी पुख्ता व्यवस्था की गयी थी। वहीं कार्यक्रम में अंतिम दिन सत्संगियों की अपार भीड़ उमड़ी। कार्यक्रम के अंतिम दिन संतमत के आचार्य व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी श्री हरिनंदन जी महाराज ने संतमत के गुरू ब्रह्मलीन पुज्यपाद स्वामी श्री महर्षि मेंॅही परमहंस जी महाराज के जीवन वृतांत पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न महात्माओं कबीर साहब, तुलसी साहब आदि संतों के जीवन पर भी प्रकाश डालते हुए उनके बताये मार्ग का अनुकरण करने की अपील लोगों से की। उन्होंने अंतिम दिन ध्यान, अध्यात्म तथा मोक्ष आदि विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए मोक्ष के लिए ध्यान को अहम बताया। उन्होंने कहा कि मोक्ष के लिए ध्यान आवश्यक है जबकि ध्यान के लिए सदाचार का पालन अर्थात झूठ, चोरी, नशा, हिंसा और व्याभिचार का त्याग अनिवार्य है। कार्यक्रम में वर्तमान आचार्य के साथ सहयोगी अन्य महात्माओं ने भी विभिन्न विषयों पर अपने प्रवचन किये। जबकि धर्मावलंबी पूरे कार्यक्रम तक एकाग्रित भाव से श्रवण ज्ञान गंगा में गोता लगाते रहे। कार्यक्रम के आयोजकों ने कार्यक्रम की सफलता में समस्त ग्रामीणों के सहयेाग को सराहनीय बताया।
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