बसैटी (अररिया) : सरकार की घोषणाओं के बावजूद रानीगंज प्रखंड अंतर्गत बसैटी पंचायत की महादलित बस्ती जठामुहसरी व भड़ेली मुसहरी आजादी के दशकों बाद भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, वृद्धापेंशन सहित जनकल्याणकारी योजनाएं भी सही तरीके से लाभुकों तक नहीं पहुंच पा रही है। जबकि रानीगंज विधानसभा क्षेत्र का 1967 से ही दलित जाति के लोग ही प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। अधिकांश विधायक मंत्री पद पर भी आसीन रह चुके हैं। इसके बावजूद रानीगंज प्रखंड के दलित व महादलित बस्तियों का कल्याण नहीं हो सका। गुणवंती गांव के महान स्वंत्रता सेनानी गणेश लाल वर्मा 1962-67 तक क्षेत्रीय प्रथम विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किए। उसके बाद यह विधान सभा सीट आरक्षित कर दिया गया। उसके बाद प्रथम महादलित जाति के कांग्रेसी उम्मीदवार डुमर लाल बैठा विधायक पद पर आसीन हुए तथा आज भी दलित व महादलित समुदाय के लोग ही यहां का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। ग्रामीण नंद देव ऋषिदेव, राम देव ऋषिदेव, मुनिया देवी, जामुन ऋषिदेव आदि ने बताया कि इन क्षेत्रों में सरकारी योजनाएं बिचौलियों की भेंट चढ़ रही है। कुछ लोगों को इंदिरा आवास मिले भी तो आधी रकम बिचौलियों के पाकेट गर्म करने में चली गई। जठा मुशहरी जाने वाली सड़क पर कई गड्ढे बन गए हैं। आरसीसी पुलिया के अभाव में बरसात में घरों से निकलना दूभर हो जाता है। वहीं बिजली विभाग की उदासीनता के कारण लालटेन युग में यहां के लोग जीने को विवश हैं।
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