अररिया : आधुनिकता के इस अंधी दौड़ में नैतिकता का पतन होता जा रहा है। हमारे मुल्क की पुरानी सभ्यता एवं संस्कृति पूरी तरह दूषित होकर रह गई है। उक्त बातें मंगलवार की रात आजाद नगर अररिया स्थित मदरसा दारूल उलुम मखदुम अशरफ में आयोजित एक दिवसीय फैजाने अशरफ कांफ्रेंस के मौके पर अपनी तकरीर में मौलाना निजामउद्दीन अशरफ ने कही। उन्होंने कहा कि अगर मआशरे में सुधार एवं अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य चाहते हो तो हर हाल में अपने बच्चों को शिक्षित करें। शिक्षा के माध्यम से अपनी सभ्यता व संस्कृति को समझने का मौका मिलता है। एक दिवसीय अजीमुसशान फैजाने अशरफ कांफ्रेंस में
मुल्क के नामी गिरामी उलमा हजरात ने शिरकत की। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से इस्लामी तालीमात, असलाहे मआशरा, सामाजिक बुराइयों जैसे विषयों पर उलमा हजरात द्वारा तकरीरें पेश की गई। रातभर चले इस कांफ्रेंस में नादीर बनारसी ने दिलकश नआत पेश कर लोगों को झूमा दिया। इस मौके पर मो. हसनैन रजा कादरी, मंखदुम अशरफ जहांगीर, जुबैर आलम सिद्दीकी, मो. फारूक आलम, मो. इसहाक रिजवी, शायरे इस्लाम आरफीन कौसर, सालीक रजा, असलम जमाली, राहत बसतपुरी ने अपनी दिलकश आवाज से फिजा में रौनक बिखेर दी। हाजी मोजीबुरर्हमान, मस्तान मुबारक हुसैन, इस्लाम उद्दीन, जकी अंसारी, मो. मुमताज आलम, मो. अजीम अंसारी, मो. खतीब हैदर आदि ने कांफ्रेंस को सफल बनाने में सराहनीय सहयोग किया। कांफ्रेंस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद थे।
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