भरगामा (अररिया) : जिले का भरगामा थाना क्षेत्र अपराधियों के शरणस्थली के रूप में चर्चित रहा है क्योंकि यह तीन जिलों का सीमावर्ती इलाका है। एक जिले की पुलिस द्वारा कार्रवाई करने पर अपराधी दूसरे जिले की सीमा में पनाह ले लेते हैं। बावजूद इस थाना क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल मौजूद नहीं है। आश्चर्य है कि थाना में पिछले करीब छ: माह से थानाध्यक्ष को छोड़ कर एक भी कनीय अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं। केवल थानाध्यक्ष भोला सिंह के भरोसे चल रहा है यह थाना। कहने को यहां सअनि स्तर के दो अधिकारी का पदस्थापन है किंतु छह माह से उनमें से एक भी यहां कार्यरत नहीं हैं।
थाना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सअनि के रूप में कन्हैया सिंह ने लगभग दो माह पूर्व भरगामा थाना में योगदान दिया। उसी वक्त मात्र एक दो माह सेवा काल शेष बचे सअनि- कामेश्वर तिवारी तथा प्रशिक्षु के रूप में- देवराज राय ने भी योगदान दिया। लेकिन अपरिहार्य कारणों से योगदान के तुरंत बाद से दोनों अबतक अनुपस्थित हैं। लिहाजा पुलिस अधिकारियों के अभाव में भरगामा थाना क्षेत्र के डेढ़ से दो लाख की आबादी के सुरक्षा का जिम्मा एक अकेले अधिकारी थानाध्यक्ष भोला सिंह के कंधे पर है।
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