Sunday, May 22, 2011

लगातार हो रही बारिश से किसान परेशान


अररिया : आपदाओं के जंजाल में फंसे अररिया के किसान अब मानसून से पूर्व लगातार हो रही बारिश से परेशान हो रहे हैं। पहले ओलावृष्टि ने गेहूं के फसल को बर्बाद किया अब वर्षा से किसानों के कमर टूट रही है।
मानसून पूर्व हो रही बारिश से खेतों में बोए गए पटुआ के बीज सड़ने लगे हैं। वहीं खेतों में लगे पानी से मूंग के पौधे भी गलने लगे हैं। कमर तोड मंहगाई, प्राकृतिक आपदा एवं संसाधनों का अभाव झेल रहे किसान अब खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं। किसानों को इस स्थिति से उबारने में अररिया के कृषि विभाग नकारा साबित हो रहे हैं। हालांकि विभाग जिले के 1700 सौ जगहों का मिट्टी नमूना जांच कर किसानों को लाभ पहुंचाने तथा पांच हजार से अधिक खेतिहरों को प्रशिक्षण देकर श्रीविधि तकनीक से खेती करवाने का दावा कर रहे हैं। इन दावों से किसानों को कहां तक लाभ पहुंचेगा ये तो आने वाला समय हीं बताएगा, लेकिन आज अररिया के किसानों को अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहाने के लिए कुछ भी नही बचा है। कोशकीपुर के किसान मो कमाल, पलासी के नागेश्वर झा, कोल्हुआ के गोविन्द आदि किसानों ने बताया कि किसानों की चारो ओर से मौत ही मौत है। एक ओर मौसम की बेरूखी, दूसरी तरफ आसमान छूती मंहगाई ने किसानों को गर्त में ढकेल दिया है। उन्होने ने बताया कि खासकर मध्यम वर्गीय किसानों की हालत और दयनीय है। ऐसे किसान अपनी सारी जमा पूंजी खेती में लगाते तो हैं लेकिन मौसम की बेरूखी से उनकी पूंजी भी खेती से उपर नहीं हो पाती है। किसानों ने बताया कि इस बार भी हजारों किसान पहले पटवन कर पाट की बोआई की। बोआई के तुरन्त बाद से हीं लगातार बारिस होने लगी। खेतों इतनी नमी आ गई कि पाट का बीज खेतों में ही सड़ गए। किसानों को दोबारा बोआई करनी पड़ी।

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