अररिया : पंचायत चुनाव की मतगणना का सिलसिला निरंतर जारी है। हर जीत के बाद मतगणना केंद्र के बाहर जयकारे का जोरदार उद्घोष होता है और विजयी उम्मीदवार के साथ कथित समर्थकों की भीड़ चल पड़ती है। रंग अबीर व गुलाल में डूबे समर्थक तथा कागज के बनावटी फूलों की माला में डूबे प्रत्याशी या प्रत्याशी पति। अब मिठाई, नास्ता व खाना फ्री..।
हर रोज निरंतर ऐसा ही नजारा दिखता है।
मंगलवार को बाजार की एक दुकान पर होटल फ्री था। ..हय, वहां मिठाई दो न, अरे बुड़बक, उसको समोसा देबे नहीं किया। इधर, जोश में डूबे समर्थक निरंतर नारा लगा रहे थे। इंकलाब जिंदाबाद..। विजयी मुद्रा में विराजमान इस भीड़ से किनारे एक पराजित उम्मीदवार से मुलाकात होती है। भैया क्या हुआ? अरे गड़बड़ा गया, पैसो ले लिया और वोटो नै दिया। खैर, छोड़िए, होटल में जरा देखिए न कौआ विरयानी का जोश। अभी क्या हुआ है। जब पंचायत का फंड मिलेगा तब देखिएगा असल कौआ विरयानी का जोर।
अरे ई कौआ विरयानी क्या होता है?
वही, इंदिरा आवास में दलाली, केसीसी, सोलर लाइट
में बिचौलियागिरी, नरेगा में घेटाला, वृद्धा पेंशन,अंत्योदय व अन्नपूर्णा में कमीशनखोरी और उसके बाद
जम कर होटलबाजी। वैसे इस कौआ विरयानी की जोरदार चर्चा अब गांवों तक पहुंच चुकी है।
गौरतलब है कि लगभग 70 करोड़ रुपयों का डेहटी पैक्स घोटाला अररिया जिले में ही हुआ। जिले में पंचायत स्तर की राजनीति में इंदिरा आवास व सोलर लाइट घोटालों के अलावा मनरेगा आदि योजनाओं की गड़बड़ी आम रही हैं। इन आरोपों में एक पूर्व डीएम, दो पूर्व डीडीसी व सात बीडीओ विभागीय व न्यायिक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इन मामलों में सरकारी कर्मियों के अलावा डेढ़ सौ से अधिक मुखिया भी संलिप्त रहे बताए जाते हैं। सरकारी पैसों की इसी लूट को इस जिले में कौआ विरयानी की संज्ञा दी गई है।
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