अररिया : सरकार एक तरफ शिक्षा का अधिकार कानून लागू कर प्रत्येक 35 बच्चे पर एक शिक्षक व एक कमरा उपलब्ध कराने की बात कह रही है। वहीं दूसरी तरफ जिले का शिक्षा विभाग तरक्की करने के बजाय और गर्त में ही रहना चाह रहा है।
सरकार ने जिले के तमाम 44 हाईस्कूलों को प्लस टू का दर्जा देकर उसमें संसाधन मुहैय्या कराने के लिए करोड़ों की राशि तो भेजी लेकिन इसमें से आधी राशि कमीशन तय नहीं होने के कारण वापस कर दी गई। प्रति हाई स्कूल 39 लाख 50 हजार रुपये की दर से वितरित किये गये थे। इन राशि में से विद्यालय में 26 लाख का भवन निर्माण 6.50 लाख का उपस्कार खरीद, 3 लाख प्रयोगशाला उपस्कर खरीद, 2 लाख पुस्तक खरीद व 2 लाख खेल मैदान विकास मद में खर्च करना था।
विडम्बना यह है कि जिले के 13 हाई स्कूलों ने ढाई करोड़ से अधिक की राशि खर्च नहीं कर डीईओ को वापस कर दिया। इनमें से तो चार ने भवन निर्माण मद की राशि भी लौटा दी। यह राशि विभाग ने जिले को वित्तीय वर्ष 08-09 व 09-10 में मिला था। जिला शिक्षा पदाधिकारी इस मुद्दे पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। उच्च विद्यालय का विकास विद्यालय प्रबंधन समिति के फैसले के अनुसार ही होता है। इस समिति के पदेन अध्यक्ष क्षेत्रीय विधायक होते हैं। बताया जा रहा है कि समिति में कमीशन का रेट तय नहीं होने के कारण राशि विभाग को वापस कर दी गई। नाम नहीं छापने के शर्त पर कुछ हेडमास्टर व डीईओ कार्यालय के कर्मी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। जिन स्कूलों ने राशि वापस की है उनके नाम शांति देवी धीर नारायण गुप्ता राजकीय उवि फारबिसगंज- 33 लाख उच्च विद्यालय जोगबनी 39.50 लाख, रामानुग्रह उवि हांसा कमलपुर 26 लाख, उवि सिमरबन्नी 39.50 लाख, जाकिर एकेडमी डेहटी 13.50 लाख, उवि नरपतगंज- 13.50 लाख, उवि अररिया 7 लाख, कुनकुन देवी उवि फुलकाहा- 13.50 लाख, एलएस उवि पलासी पटेगना- 13.50 लाख, उवि भरगामा 11.50 लाख, पूर्णानंद उवि सोहन्दरहाट- 13.50 लाख हैं। इसके अतिरिक्त डीईओ कार्यालय के अनुसार पहंसी व द्विजदेनी उवि ने भी छात्र परिभ्रमण की 25-25 हजार की राशि लौटा दी है।
विद्यालय विकास मद के लिए वापस किये गये राशि में स्कूल के कुछ हेडमास्टर ने तो जगह का अभाव को कारण बताया तो किसी ने बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लिया। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी निर्देश के अनुपालन के प्रति जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग कितना सजग है। जिला शिक्षा पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार के निर्देश के मुताबिक राशि खर्च नहीं होने पर लौटा दी गयी है। विभाग द्वारा पुन: उस मद में राशि देने का आश्वासन मिला है।
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