अररिया : तेरापंथ भवन परिसर में निहायत खूबसूरत तरीके से सजा मंच और उस पर विराजमान बाबोसा भगवान की प्रतिमा। उनके दरबार में मंच पर उपस्थित बाबोसा महाराज की परम आराधिका मंजू बाई सा। खूबसूरत पंडाल में हजारों श्रद्धावनत दर्शक। रविवार की रात यहां ऐसा प्रतीत हुआ कि अपनी अपनी गद्दी छोड़ कर देवी देवता भी यहीं उतर आये हैं। मौका था बाबोसा भगवान को समर्पित भजन संध्या का।
देर शाम दर्शकों की भारी भीड़ पंडाल में इकट्ठा हो चुकी थी। कार्यक्रम की शुरूआत गणपति वंदना से हुई। फिर सूरत के नीलेश ने सवाल जवाब के माध्यम से भगवान हनुमान जी की महत्ता बखानी। ..मातु सिया को राम प्रभु से कौन मिलाने वाले? राम पर जब जब विपदा आयी किसने उबारा? जितने भी काम थे मुश्किल किसके हिस्से आये? भरी सभा में सीना चीर कर कौन दिखाने वाला? सबका जवाब एक ही, वो है मेरा बजरंग वाला। नीलेश की प्रस्तुति पर दशकों ने भरपूर तालियां दीं। लेकिन कार्यक्रम का क्लाइमेक्स बेंगलुरु के विपिन जी के हिस्से गया। श्री विपिन ने न केवल दर्शकों को झुमाया, बल्कि बाबोसा भगवान को समर्पित एक से बढ़ कर एक गीतों से अभूतपूर्व प्रस्तुति दी। ..चुरु वाले बाबोसा देवा तेरी शोभा है न्यारी, आजा ओ बाबोसा तेरे भक्त पुकारें, तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तकदीर बनती है, अब तो दर्शन दे दो मुझको चुरु वाले बाबोसा साई..। सारे भजन सद्य: स्वर अमृत की तरह और शायद इसी का प्रभाव था कि पंडाल में उपस्थित युवाओं का समूह मंत्रमुग्ध होकर कार्यक्रम का आनंद उठाता रहा।
इन मंत्रमुग्ध दर्शकों में अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह भी मौजूद थे। भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत, सीमांचल कंस्ट्रक्शन के अजय झा, समर सिंह, लालबाबू राय, जय माता दी कंस्ट्रक्शन के जितेंद्र गुप्ता व अनिल यादव आदि भी कार्यक्रम में लगातार उपस्थित रहे। मौके पर बाबोसा भक्त मंडल व राजस्थानी समाज के हजारों लोग उत्साह के सागर में गोते लगाते रहे तथा भगवान बाबोसा के अपरोक्ष दर्शन भी किये।
साइड स्टोरी
बाबोसा मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा
अररिया, जाप्र: शहर के महावीरनगर मंदिर में बने संकटमोचन श्री बालाजी बाबोसा भगवान मंदिर में सोमवार को भगवान के जयकारे के बीच प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हो गया। इस अवसर पर बोबोसा भगवान की परम आराधिका मंजू बाई सा व बाबोसा भक्त मंडल के सदस्य व कमांडो गण तथा मारवाड़ी समाज के लोग उपस्थित थे। विदित हो कि महावीर नगर में स्व.मोहन लाल जी बोथरा द्वारा प्रदत्त भूमि पर लाखों की लागत से निर्मित मंदिर की भव्यता की शहर में खूब चर्चा हो रही है। इस मंदिर में राजस्थान से मंगाये गये संगमरमर व टाइल्स लगाये गये हैं तथा निर्माण में राजस्थान के भक्तजनों का भी सान्निध्य रहा है।
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