Thursday, March 8, 2012

सर, आई वांट टू बीकम ए डाक्टर..


जोकीहाट,(अररिया) : जिस इलाके की लड़कियां साक्षर होते ही ब्याह दी जाती थी, कॉलेज तो क्या हाईस्कूल की चौखट तक देखना उनके नसीब में नहीं था, आज वहां की लड़कियां फर्राटे से अंग्रेजी बोल रही हैं। बात जोकीहाट क्षेत्र की हो रही है। इतिहास के पन्नों में झाकें तो जोकीहाट का इलाका किसी वक्त मातृसत्तात्मक समाज का केंद्र था। लेकिन नारी शिक्षा के प्रति सामाजिक व सरकारी उपेक्षा के कारण यहां की आधी आबादी में निरक्षरों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही थी। शिक्षा के मामले में यहां की लड़कियां लगातार पिछड़ती गयी। सन् 1981 के सेंसस में यहां महिला साक्षरता दर 8.65 प्रतिशत थी, जो अगली जनगणना में घट कर 7.7 प्रतिशत हो गयी थी। लेकिन उसके बाद से जिला साक्षरता समिति, सर्व शिक्षा अभियान सहित सरकार के विभिन्न प्रयासों से यहां
नारी शिक्षा के प्रति अभूतपूर्व रुझान आया है। अब जोकीहाट में महिला सशक्तिकरण के सपने को पंख लग गये हैं। यहां की लड़कियां इस सपने के सच होने की मिसाल पेश कर रही हैं। गांव की दर्जनों लड़कियां साइकिल पर सवार होकर फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती स्कूलों की ओर निकल जाती है। वे न केवल बाली उमर में शादी के नाम पर तौबा कर अपनी जिन्दगी को संवारने की उड़ान पर हैं, बल्कि उनके बीच कैरयरिस्ट होने की इच्छा भी जग चुकी है। काकन के मो शोयब की पुत्री चमन आरा, अब्दुल मजीद की पुत्री उमे तरब, नरगिस व नाजिया, मध्य वि जहानपुर की रिया, लिली, ऋचा एवं सिसौना गांव की फौजिया, सानिया आदि ने बताया सर आई वांट टू बीकम ए डाक्टर । दिस इज द ओनली एम इन माई लाइफ। इन स्कूली छात्राओं की अंग्रेजी में बातें करते सुन ग्रामीण आश्चर्य में पड़ जाते हैं। बगडहरा, डूबा, सिमरिया, काशीबाड़ी , केसर्रा , गैरकी, उदाहाट, महलगांव आदि गांव में भी सैकड़ों स्कूली लड़कियां पढ़ लिखकर अपने पापा का नाम रोशन करना चाहती है। बच्चियों की पढ़ने की दिली ख्वाहिश देख अब उनके पिता भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। दर्जनों अभिभावकों ने बताया कि अब जमाना बदल रहा है। लड़की लड़का सब बराबर। जब हमारी लड़की पढ़ने को आतुर है तो हम भी पढ़ाने में पीछे नहीं रहेंगे। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि लड़कियों के पढ़ने में आज भी माहौल पुरी तरह उपयुक्त नहीं हो सका है। लेकिन बुद्धिजीवियों का कहना है कि जिस तरह गांव की बच्चियां माहौल क ी कमी के बावजूद फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रही है वह काबिले तारीफ है। इन्हें माहौल और मौका मिले तो लड़कों को बहुत पीछे छोड़ देगी गांव की ये लड़कियां।

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