Tuesday, March 6, 2012

मांगों को लेकर वित्त रहित शिक्षकों का धरना



अररिया : वित्त रहित शिक्षक संयुक्त संघर्ष मोर्चा अररिया ने सोमवार को समाहरणालय परिसर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मोर्चा के बैनर तले आयोजित इस धरना में जिला भर के दर्जनों कालेज के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद थे। धरने में उपस्थित लोगों ने कहा कि एक ओर सरकार वित्त रहित शिक्षा नीति के समाप्ति की घोषणा कर दी है लेकिन दूसरी ओर छात्रों के परीक्षाफल के आधार पर अनुदान दिया जा रहा है। अनुदान की प्रक्रिया भी पूरी तरह दोषपूर्ण है। विश्व के किसी भी देश में परीक्षाफल के आधार पर अनुदान देने की व्यवस्था नहीं है। इस छोटे से अनुदान की रकम से कालेज कर्मी की स्थिति बंधुआ मजदूरों से बदतर हो गयी है। संघर्ष मोर्चा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर निरंतर संघर्ष करती रहेगी। इनकी मुख्य मांगों में सभी संबद्ध डिग्री कालेज को अंगीभूत किया जाये। सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर को अनुदान नहीं नियमित वेतन दिया जाये। महाविद्यालय में पद सृजन अविलंब किया जाये, अति शीघ्र सेवा सामंजन किया जाय। विज्ञप्ति संख्या 34/11 को निरस्त किया जाये, आयु सीमा 65 वर्ष की जाये, सभी कालेज में सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षा केंद्र बनाया जाये। इसके अलावा व्याख्याताओं को परीक्षक एवं पर्यवेक्षक बनाने की मांग की। अपनी मांगों के समर्थन में संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने डीएम को अपनी मांग पत्र सौंपा। धरना में महिला कालेज, मिल्लिया कालेज, यादव कालेज, कलावती डिग्री कालेज, नसीम इंटर कालेज, वाइएनपी कालेज, एसएस यादव कालेज, केएन कालेज अरदि के कर्मी शामिल थे। इस धरना में दयानंद राउत, नवल किशोर सहाय, सनत कुमार शुक्ल, सच्चिदानंद सिंह, बासुकी नाथ झा, शम्स जावेद, एहतशामुल हसन, सरवर आलम, जाहिद हुसैन, शारदा नंद झा, वकील सिंह, अब्दुल बारी साकी, सदरे आलम आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

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