Tuesday, March 6, 2012

संस्कृति, धर्म व विज्ञान की आधार शिला गायत्री: धर्मनाथ



कुर्साकांटा (अररिया) : भारतीय संस्कृति, धर्म और विज्ञान की आधार शिला गायत्री हैं। प्राचीन काल में ऋषियों ने इन्हीं महाशक्ति की उपासना कर संसार को ज्ञान, विज्ञान की आभा से आलोकित किया। उक्त बातें सोमवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित हाट मैदान में आयोजित तीन दिवसीय नौ कुंडी महायज्ञ के समापन अवसर पर परिराजक धर्मनाथ झा ने कही। शांति कुंज के तत्वावधान में आयोजित इस गायत्री महायज्ञ में प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि गायत्री महा मंत्र के अक्षरों के बीज रूप से मानवी संस्कृति एवं आदर्श वादिता के सारे सिद्धांत समाहित हैं। मात्र चौबीस अक्षरों का यह विश्व का सबसे छोटा ग्रंथ है। जिसमें धर्म और अध्यात्म का समूचा तत्व ज्ञान सार रूप में समाहित है। इस यज्ञ में प्रवचन दीप माला पूर्णाहुति होमादि निष्ठा पूर्वक संपन्न कराया गया। यज्ञ के अवसर पर आसपास क्षेत्र के बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। प्रवचन कर्ता के रूप में गोविंद झा, धर्मनाथ झा, संतोष कुमार साह, विनोद कुमार साह, चिंतलाल मंडल, आदि ने भी लोगों को संबोधित किया। आयोजक के रूप में रामसेवक साह, रामनाथ गुप्त, प्रणव गुप्ता, गुलाब सिंह, चंद्रमोहन साह, आशुतोष आदि की भूमिका सक्रिय रूप में देखी गई।

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