Thursday, December 2, 2010

आश्वासन के बाद भी कटाव पीड़ितों को नहीं मिला इंदिरा आवास

सिकटी(अररिया),निसं : प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली नदियां बकरा और नूना हर वर्ष तबाही की एक नयी दास्तां लिख जाती है। यहां के लोगों को इन नदियों की त्रासदी झेलने की नियति सी बन गयी है। हर वर्ष बाढ़ व कटाव के कारण उपजाऊ भूमि एवं लोगों के घर नदी में विलीन हो जाते हैं। अब तक सांसद, विधायक एवं अधिकारियों द्वारा केवल आश्वासन ही दिया गया है लेकिन कटाव रोकने का कार्य शुरू नहीं हो सका है। आश्वासन तो यह भी दिया गया था कि जिनके घर नदी में समा गये हैं उन्हें इंदिरा आवास का लाभ दिया जायेगा। लेकिन अब तक इस ओर कोई पहल नहीं की गयी है। वहीं ग्रामीण बिसो बहरदार, प्रकाश कुमार का कहना है कि सरकार घोषणा तो कर देती है लेकिन धरातल पर कोई भी काम नहीं हो पाता है। बकरा नदी में पीरगंज पुल के पास चिराना कार्य के लिए 25 लाख की लागत से शिलान्यास भी किया गया। काम भी चालू हुआ लेकिन राजनीति के कारण यह भी अधर में लटक गया है। जमीन मालिक द्वारा मुआवजा की मांग किये जाने के बाद काम बंद हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल बाढ़ आने के साथ ही यहां के लोगों को कटाव का दंश झेलना पड़ता है। कटाव के कारण यहां दर्जनों परिवार बेघर हो चुके हैं। वहीं कई परिवारों की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है। कई कीमती जमीन के नदी में विलीन हो जाने से यहां के लोग दूसरे प्रांतों में पलायन को विवश हैं। जबकि कटाव निरोधक कार्य की कोई पहल नहीं की गयी।

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