अररिया : निरक्षरता के खिलाफ जंग की शुरूआती सफलता गौरतलब है। जिले में 1.7 लाख से अधिक नवसाक्षरों को बुनियादी महापरीक्षा के केंद्र तक लाने में लोक शिक्षा समिति न केवल कामयाब रही, बल्कि ऐसे अभियानों के लिए वांछित वातावरण निर्माण में भी सफल रही है। अभियान के संपन्न होने के बाद मिले इनपुट पर गौर करें तो नवसाक्षर महापरीक्षा में लक्ष्य से कहीं अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बसंत कुमार व जिला लोक शिक्षा समिति के मुख्य कार्यक्रम समन्वयक बासुकी नाथ झा ने बताया कि इस अभियान के तहत 1.7 लाख नव साक्षरों को परीक्षा केंद्रों तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन कुल 179340 नव साक्षरों ने परीक्षा के लिए इनरौलमेंट करवाया तथा इनमें से 1.7 लाख से अधिक लोग परीक्षा में शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि परीक्षा में शामिल हुए नवसाक्षरों में महिलाओं की संख्या 1.4 लाख रही, जो बेहद सकारात्मक संकेत है। श्री कुमार व श्री झा ने बताया कि इस परीक्षा के आयोजन से सर्वाधिक सफलता शिक्षा के लिए वातावरण निर्माण में मिली है। आम जन में शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है। उनके बीच इस बात की चर्चा होने लगी है कि वे निरक्षर थे, इसी कारण निर्धन रह गये। अगर पढ़ लिख लिए होते तो गरीबी का दंश इतना गहरा नहीं होता।
उन्होंने कहा कि अक्षरज्ञान के बाद नवसाक्षरों को पठन पाठन से जोड़े रखने के लिए उन्हें कई प्रकार की आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की भी योजना है। नव साक्षरों के बीच हुनर विकास को ले कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा चुका है। साथ ही उन्हें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वावलंबी बनाने की योजना पर भी अमल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी 218 लोक शिक्षा केंद्रों को एक जीवंत केंद्र के रूप में विकसित बनाये रखा जायेगा।
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