Thursday, January 6, 2011

फु लिया स्टांप की किल्लत से न्यायार्थी परेशान

अररिया : जिला मुख्यालय में कई अनुज्ञप्तिधारी मुद्रांक विक्रेताओं के बावजूद पचीस पैसे की सरकारी दर पर बिकने वाले फुलिया स्टाम्प की किल्लत निरंतर बरकरार है। वहीं ये स्टाम्प कालाबाजारी में पचीस से तीस रुपये में बिक रहे हैं, जिससे जरूरत मंद लोगों को काफी परेशानी उठानी पर रही हैं।
जानकारी के अनुसार सिर्फ अररिया मुख्यालय में दर्जन भर से अधिक लाईसेंसी मुद्रांक विक्रेता हैं। परंतु अन्य मुद्रांकों की बनिस्बत यहां फुलिया स्टाम्प की बराबर किल्लत रहती है। पचीस पैसे स्टांप लाख कोशिश के बाद भी नहीं मिलता। जबकि इस स्टांप से जरूरत मंदों व न्यायिक गुहार के लिये वरीय अदालत में रिवीजन अपील आदि दायर करने हेतु नकलखाना से बजाप्ता (सच्ची प्रतिलिपि) लेना बाध्यता है। अगर निर्धारित समय सीमा तक विभिन्न अदालत के सुनाये फैसले के विरुद्ध मुवक्किल को पारित आदेश की प्रतिलिपि नहीं मुहैया होने पर जहां काफी दिक्कत आती हैं, वहीं सस्ता व सुलभ दिलाने की सरकारी घोषणा पर भी सवालिया निशान लगता है।
इस परिस्थिति में सबसे अधिक परेशानी गरीब व तंगहाल न्यायार्थियों को होती है,जो समाज के ठेकेदारों से अपने अधिकार पाने को अदालत में न्याय की गुहार लगाते हैं। पर जब उन्हें यहां भी अपनी फरियाद पर कई सवाल उठते हैं तो वरीय अदालत बजाप्ता के अभाव के कारण नहीं जा पाते।
वहीं, धनी लोग कालाबाजारी में इन कम कीमत के स्टांप को मनचाहे कीमत देकर प्राप्त कर रहे हैं।
अधिवक्ताओं व जागरूक मुवक्किलों का कहना है कि आखिर लाइसेंसी स्टांप वेंडरों के पास अन्य सभी स्टांप आसानी से मिलते रहे हैं, परंतु आखिर किन कारणों से पचीस पैसे कीमत का फुलिया स्टांप बराबर नही रहता है। क्या यह कोषागार की सुस्ती का परिणाम है?

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