कुसियारगांव (अररिया) : सरकार के निर्देश के बावजूद सदर अस्पताल अररिया में सस्ते दामों पर मरीजों को जीवन रक्षक दवा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पिछड़ा जिला अररिया में एक बड़ी आबादी स्वास्थ्य सेवा के लिए सदर अस्पताल पर निर्भर है। पैसे के अभाव में यहां आने वाले कई मरीज दम तोड़ देते हैं लेकिन आधे मूल्य पर बेचे जाने के लिए निर्धारित दवा दुकान अभी तक यहां शुरू नहीं हो पाया है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीएस डा. धनुषधारी प्रसाद ने बताया कि नौ प्रखंडों में दवा दुकानों के लिए टेंडर हो चुका है लेकिन कई जगहों पर अभी तक संबंधित संवेदक ने दुकान नहीं खोला है।
सदर अस्पताल अररिया में रोजाना बड़ी संख्या में गरीब मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। उनमें अधिकांश मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं होते। बावजूद न तो सदर अस्पताल में सरकार द्वारा निर्धारित सभी दवा उपलब्ध है और न ही अस्पताल में आधी कीमत पर बेचे जाने वाले दवा दुकान ही खोली जा सकी है। ज्ञात हो कि सदर अस्पताल सहित सभी प्रखंड मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवा की सरकारी दुकानें संविदा के आधार पर खोली जानी है। जहां आधी कीमत पर दवा गरीबों को दी जायेगी। उक्त दवाओं पर सरकार को देय टैक्स माफ होता है। लेकिन अभी तक सदर अस्पताल में यह व्यवस्था नहीं शुरू हो सकी है। जबकि भवन बन कर तैयार है और टेंडर के पश्चात अनुबंध भी हो चुका है। बावजूद दुकानें अभी तक बंद हैं। जबकि सूत्रों की मानें तो उक्त दवा दुकान के नाम पर दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। इस संबंध में सिविल सर्जन डा. धनुषधारी प्रसाद से पूछे जाने पर बताया कि जिले के नौ प्रखंडों में जेनेरिक दवा की सरकारी दुकान के लिए टेंडर हो गया है। जहां रानीगंज, सिकटी, पलासी, कुर्साकांटा, अस्पतालों में यह दुकान चालू भी हो गया है। लेकिन शेष प्रखंडों व सदर अस्पताल में यही व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि यदि दुकान शीघ्र नहीं खोला गया तो अनुबंध को रद्द कर दिया जायेगा। श्री प्रसाद ने यह भी बताया कि अगर इसकी आड़ में कुछ लोगों द्वारा दवा चोरी-छिपे बाजार में बेची जा रही है तो उसे जल्द ही दबोचा जायेगाI
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